फेसबुक के चेयरमैन पद से मार्क जुकरबर्ग को हटाने की मुहिम तेज, शेयरहोल्डर कंपनियों ने किया प्रस्ताव का समर्थन
वॉशिंगटन। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को उनके पद से हटाने की मुहीम तेज हो गई है। फेसबुक कंपनी में निवेश करने वाली कई अहम पब्लिक फंड कंपनियों ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें जुकरबर्ग को चेयरमैन पद से हटाने की बात कही गई है। न्यूयॉर्क सिटी कन्ट्रोलर स्कॉट स्ट्रिंगर के साथ इलिनॉय, रोड आइलैंड और पेंसिल्वेनिया के स्टेट ट्रेजरर्स ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। बता दें कि 2017 में भी जुकरबर्ग को चेयरनैन के पद से हटाने का प्रयास किया गया था लेकिन वोटिंग के बाद वैसा हो नहीं पाया।
हटाने के पीछे यह वजह
मार्क जुकरबर्ग को हटाने का प्रस्ताव का समर्थन करने वाली कंपनियों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में कई हाई प्रोफाइल स्कैंडलों से निपटने में मार्ज जुकरबर्ग नाकाम साबित हुए हैं। इन सभी का कहना है कि फेसबुक के निदेशक मंडल के चेयरमैन का पद स्वतंत्र हैसित वाला बनाया जाना चाहिए। जुकरबर्ग को हटाने वाले प्रस्ताव में अमेरिकी चुनाव में फेसबुक के जरिए रूस हस्तक्षेप के अलावा कैंब्रिज एनालिटिका डाटा लीक जैसे मामलों का जिक्र किया गया है।
फैसला मई में होगा
हालांकि जुकरबर्ग को हटाने वाले प्रस्ताव पर फैसला मई, 2019 में होगा। क्योंकि मई में शेयरधारकों की वार्षिक बैठक होगी जिसमें जुकरबर्ग को हटाने वाले प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा। हालांकि फेसबुक की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इलिनॉयस, रोड आइसलैंड और पेनिसिल्वेनिया के राज्य कोषागारों के अलावा न्यूयॉर्क सिटी पेंशन फंड ने एकजुट होकर यह प्रस्ता दिया है।
जुकरबर्ग को हटाना आसान नहीं
बता तें कि मार्क जुकरबर्ग को फेसबुक के सीईओ के पद से हटाना आसान नहीं है क्योंकि फेसबुक की ओर से इसी साल अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जुकरबर्ग के पास वोटिंग राइट्स के 60 प्रतिशत अधिकार हैं। ऐसे में बाकी कंपनियों जो कि जुकरबर्ग के खिलाफ उनके पास मत के इतने अधिकार नहीं है। क्योंकि न्यूयॉर्क सिटी पेंशन फंड के पास 31 जुलाई तक 45 लाख शेयर हैं जबकि पेनिसिल्वेनिया कोषागार के पास लगभग 39 हाजर शेयर हैं।
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