जुकरबर्ग का विरोध करने पर कर्मचारी को फेसबुक ने नौकरी से निकाला, ट्रंप के विवादित बयान पर एक्शन नहीं लेने से था नाराज
नई दिल्ली। अमेरिका में हुए दंगों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट डाला था। ट्रंप के इस पोस्ट का फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने समर्थन किया। उन्होंने ट्रंप का बचाव करते हुए इस विवादित पोस्ट पर किसी भी तरह की कार्रवाई से इंकार कर दिया। जुकरबर्ग के इस फैसले से फेसबुक में काम करने वाले कई कर्मचारी नाखुश थे और उन्होंने इसका विरोध किया। इन्हीं कर्मचारियों में से एक ब्रैंडन डायल ने खुलकर इसकी आलोचना की जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।
ब्रैंडन फेसबुक में यूजर इंटरफेस इंजीनियर के पद पर काम कर रहे थे। वहीं ब्रैंडन ने ट्वीट करते हुए दावा किया है कि उन्हें सार्वजनिक रूप से एक सहयोगी को डांटने के लिए बर्खास्त किया गया, जिसने ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के लिए समर्थन में अपना बयान शामिल करने से इनकार कर दिया था। फेसबुक ने डैल की बर्खास्तगी की पुष्टि की है लेकिन कोई बर्खास्तगी के कारणों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
क्या था डोनाल्ड ट्रंप का पोस्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफ्रीकी-अमेरिकन जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद फूटे विरोध को लेकर एक विवादित पोस्ट किया था। इस पोस्ट में ट्रंप ने कहा था 'जब लूट शुरू होती है, तो शूटिंग शुरू होती है।' ट्रंप के इस ट्वीट का पूरी दुनिया में विरोध किया गया था।
क्यों मचा है अमेरिका में बवाल
अमेरिका के मिनीपोलिस में एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस अधिकारी को घुटने से आठ मिनट तक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। बाद में फ्लॉयड की चोटों के कारण मौत हो गई। फ्लॉयड की मौत की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मिनीपोलिस में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। बाद में यह प्रदर्शन पूरे अमेरिका फैल गए थे।
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