#FacebookDataScandal: डाटा चोरी के आरोप के बीच कैंब्रिज एनालिटिका ने सीईओ को सस्पेंड किया
फेसबुक पर लगे डाटा चोरी और डाटा के साथ धोखाधड़ी के आरोपों के बीच पॉलिटिकल डाटा फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने अपने सीईओ को सस्पेंड कर दिया है। इस फर्म पर आरोप है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनावों के लिए टाई-अप किया था।
वॉशिंगटन। फेसबुक पर लगे डाटा चोरी और डाटा के साथ धोखाधड़ी के आरोपों के बीच पॉलिटिकल डाटा फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने अपने सीईओ को सस्पेंड कर दिया है। इस फर्म पर आरोप है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनावों के लिए टाई-अप किया था। फर्म ने मंगलवार को एलेक्जेंडर निक्स, अपने सीईओ को निकाल दिया है। इस फर्म पर आरोप है कि इसने फेसबुक के 50 मिलियन यूजर्स की निजी जानकारी चोरी की थी।
निक्स ने इंटरव्यू ने मचाया हंगामा
कंपनी ने अपने सीईओ को निकालने का फैसला उस समय लिया जब ब्रिटिश न्यूज चैनल, चैनल 4 पर निक्स ने इशारा किया था कि विदेशों में होने वाले चुनावों को कैसे प्रभावित किया जा सकता है। कंपनी की ओर से सीईओ निक्स को हटाने के ऐलान के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया है कि बोर्ड का मानना है कि निक्स के कमेंट को चैनल ने चुपचाप रिकॉर्ड किया और वहीं उनकी ओर से लगाए गए बाकी आरोप कंपनी के नैतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कंपनी का कहना है कि उन्हें निकाला जाना इस बात का सुबूत है कि कंपनी अपने कार्यों को लेकर काफी गंभीर है और इसी तरह से काम करने में यकीन रखती है। इस बीच फेसबुक का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका की ओर से डाटा के गलत प्रयोग करने की जानकारी पर वह खासी नाराज है।
कैसे किया कंपनी ने 'गलत' काम
कैंब्रिज एनालिटिका को स्टीफन के बैनन और रॉबर्ट मर्सर ने शुरू किया था और यह एक लंदन बेस्ड कंपनी है। रॉबर्ट, रिपब्लिकन पार्टी के डोनर हैं और उन्होंने कम से 15 मिलियन डॉलर की रकम इसमें निवेश की है। कंपनी इस तरह के तरीकों को पेश करती है जिससे अमेरिकी वोटर्स का पता लग सके और फिर उनके व्यवहार को प्रभावित किया जा सके। फेसबुक से डाटा चोरी करके इसकी मदद से एक साइकोग्राफिक मॉडलिंग टेक्निक को तैयार किया गया। इसके बाद कंपनी ने साल 2016 में ट्रंप के लिए कैंपेनिंग की। निक्स ने इस टेक्निक को चैनल 4 के साथ बातचीत में 'कंपनी का सीक्रेट सॉस' करार दिया। हालांकि कुछ लोगों ने इस तरीके की प्रभावशाीलता पर सवाल भी उठाया था। अमेरिकी डेली न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन के द ऑब्जर्वर ने इस बात की गहन जानकारी दी है कि कैसे कंपनी फेसबुक डाटा का प्रयोग किया था।