'फेक ट्वीट' के मामले में ट्रंप के सपोर्ट में उतरे फेसबुक सीईओ जुकरबर्ग की प्रतिक्रिया का हो रहा विरोध
'फेक ट्वीट' के मामले में ट्रंप के सपोर्ट में उतरे फेसबुक सीईओ जुकरबर्ग की प्रतिक्रिया का हो रहा विरोध
वाशिंगटन। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हुए ट्विटर की आलोचना की थी। इतना ही नहीं जुकरबर्ग के ट्विटर द्वारा ट्रंप के दो ट्वीट के साथ फैक्ट चेक रिपोर्ट्स जोड़ने को पूरी तरह से गलत बताया था। लेकिन जुकरबर्ग की ये प्रतिक्रिया लोगों को पसंद नहीं आई लोगों ने फेसबुक के मालिक का ट्वीटर की इस तरह आलोचना करने को गलत बताया ।
डोनाल्ड ट्रंप के इस ट्वीट पर ट्ववीटर ने फैक्ट चेक किया था लिंक
बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि मेल-इन बैलेट्स फर्जी हैं और इसे लूट लिया जाएगा। ट्रंप के इस ट्वीट को ट्विटर ने फैक्ट चेक की चेतावनी दी ट्रंप के इस ट्वीट पर एक लिंक नजर आ रहा है, जिसे क्लिक करने पर मोमेंट्ज पेज पर लैंड करता है जोकि फैक्ट चेक लिंक है। जहां ट्रंप के अप्रमाणिक दावे की पड़ताल की गई है। जिसके बाद ट्विटर की इस कार्रवाई के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बोलने की स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव में दखल है। ट्विटर की ओर से मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी गई है। जिसमे उन्होंने लिखा कि ट्विटर अब अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव 2020 में दखल दे रहा है। ये कह रहा है कि मेरा मेल-इन बैलेट का बयान जिसमे कहा गया है कि इससे बड़ा भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा होगा, वह गलत है और इसे फैक्ट चेक करना चाहिए वो भी फर्जी न्यूज फैलाने वाले सीएनएन और अमेजन वॉशिंगटन पोस्ट से। ट्विटर बोलने की स्वतंत्रता को छीन रहा है, लेकिन मैं, बतौर राष्ट्रपति यह नहीं होने दूंगा।
ट्रंप के ट्वीट पर जो ट्वीटर ने किया उससे इसलिए लोग खुश हैं
इस
पर
फेसबुक
के
ओनर
जुकरबर्क
ने
कहा
कि
सोशल
मीडिया
के
मालिकों
को
कानून
और
सच्चाई
रखवाला
नहीं
बनना
चाहिए
ये
बात
जुकरबर्क
की
लोगों
को
पसंद
नहीं
आई।
ट्वीटर
पर
पिछले
मंगलवार
को
ट्रंप
के
ट्वीट
पर
जो
ट्वीटर
ने
किया
उससे
लोग
खुश
हैं।
क्योंकि
आमातौर
पर
ये
देखने
में
आया
हैं
कि
बड़ी
हस्तियों
के
ऐसे
ट्वीट
पर
कोई
भी
प्रतिक्रिया
व्यक्त
नहीं
करता
जो
कि
यूजर्स
को
पसंद
नहीं
आता
हैं।
किसी
पद
पर
रहने
वाला
व्यक्ति
कुछ
भी
बोल
जाता
हैं
और
उसकी
बात
पर
सवाल
पर
नहीं
किया
जाता।
ट्वीटर
ने
जो
किया
वो
लोगों
को
सही
लगा।
ट्रंप
को
ट्वीटर
का
ये
कदम
हजम
नहीं
हुआ
जिसके
चलते
ट्रंप
ने
सोशल
मीडिया
को
कठोर
नियंत्रित
करने
और
यहां
तक
की
बंद
करने
तक
की
धमकी
दे
डाली
थी।
लोगों
को
ट्रंप
की
ये
हार
और
फैक्ट
चेक
करने
की
वजह
से
ट्वीटर
की
जीत
पर
काफी
प्रसन्न
थे
तभी
फेसबुक
के
मालिक
जुकरबर्क
ने
ये
स्टेटमेंट
दे
डाला
कि
सोशल
मीडिया
सत्य
के
रखवाला
बनकर
कार्य
करना
नहीं
चाहिए।
जुकरबर्ग ने कहीं थी ये बात
इस मुद्दे पर फॉक्स से बातचीत करते हुए जुकरबर्ग ने कहा- 'इस बारे में हमारी पॉलिसी अलग है, ट्विटर इस बारे में अलग तरीके से काम करता है। उन्होंने कहा था कि मेरा मानना है कि लोग ऑनलाइन क्या लिख रहे हैं इस मामले में हम हर बार पंच या मध्यस्थ की भूमिका नहीं निभा सकते। ऐसे मामलों में निजी कंपनियों खासकर ऐसी जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स चलाती हैं, उन्हें ये तय करने की भूमिका में नहीं होना चाहिए। जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक इस मामले में ज्यादा सावधानी बरतता है और जब तक कोई स्पष्ट खतरा न हो पब्लिक पोस्ट को सेंसर नहीं करता।
एक साल पहले भी इस बात के लिए जुकरबर्ग की हुई थी आलोचना
हालांकि जुकरबर्ग ने ट्रंप सरकार की सोशल मीडिया को लेकर जो वार्निंग आई हैं कि वो कड़ा नियंत्रण रखेंगे और सेसंरिंग करेंगे ये ट्रंप का ठीक रिसपांस नहीं हैं। ये पहली बार नहीं हुआ हैं जब जुकरबर्ग सुर्खियों में आए पिछले साल इसी समय जुकरबर्ग फेसबुक यूजर्स की प्राइसेवी मामले के लीक होने पर उन्होंने अपने कंपनी के वार्षिक सम्मेलन में इसको लेकर मजाक किया था जिस पर जुकरबर्ग की लोगों ने जमकर अलोचना की थी।