जयशंकर की राहुल को दो टूक : तर्कों का विरोध करना अहंकार नहीं,.. आत्मविश्वास कहते हैं
लंदन, 21 मई : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बहस छिड़ गई है। भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस को कटघरे में ला खड़ा किया है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने राहुल को करारा जवाब दिया है। लंदन में हुई कॉन्फ्रेंस में संविधान, अर्थव्यवस्था, कांग्रेस के चिंतन शिविर, चीन, अमेरिका जैसे तमाम मु्ददों पर अपनी बात रखी।

राहुल का विदेश मंत्रालय पर निशाना
राहुल ने कहा कि, वे यूरोप के नौकरशाहों से बात कर रहे थे। बातचीत के दौरान उन लोगों ने बताया कि भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई है। वे कुछ भी नहीं सुनते, वे घमंडी हैं। वे बस उन्हें बताते हैं कि उन्हें क्या आदेश मिल रहा है। कोई बातचीत नहीं हो रही है। आप ऐसा नहीं कर सकते हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर का राहुल को करारा जवाब
राहुल गांधी के इन बातों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, कि भारतीय विदेश सेवा बदल गई है... सरकार के आदेशों का पालन करना, दूसरों के तर्कों का विरोध करना अहंकार नहीं बल्कि इसे आत्मविश्वास और राष्ट्रहित की रक्षा करना कहते हैं।
राहुल बोले, देश में ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है...
कांग्रेस नेता ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में आयोजित 'आइडियाज फॉर इंडिया' कार्यक्रम में दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा, देश में ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है, बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई बढ़ती जा रही है। बीजेपी ने चारों ओर केरोसीन छिड़क दिया है। बस एक चिंगारी से हम सब एक बड़ी समस्या के बीच होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
राहुल के बयान पर सोशल मीडिया पर चर्चा
इतना ही नहीं राहुल के बयान पर सोशल मीडिया पर भी चर्चा हो रही है। करीब एक घंटे की बातचीत में राहुल ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी ने यूक्रेन संकट के साथ भारत की तुलना की।
लद्दाख की यूक्रेन से तुलना
उन्होंने कहा कि 'जो रूस यूक्रेन में कर रहा है ठीक उसी तरह चीन भारत में डोकलाम और लद्दाख में दिखा रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना तैनात कर रखी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इंकार करता है.' हाल ही में आई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन पैंगोंग झील पर पुल बना रहा है क्योंकि वो कुछ करना चाहता है। लेकिन भारत सरकार इस पर बात ही नहीं कर रही है।