जयशंकर ने चीन से कहा-द्विपक्षीय मतभेद कभी विवाद का कारण नहीं बनना चाहिए
बीजिंग। विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच कोई भी आपसी मतभेद हो, लेकिन वह विवाद का कारण नहीं बनना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को उस समय स्थिरता का कारक होना चाहिए जब दुनिया अनिश्चित स्थिति का सामना कर रही हो। भारत की ओर से यह टिप्पणी उस समय आई है जब चीन ने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तथा उसकी जटिलताओं पर करीब से नजर रख रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर इस समय चीन पहुंचे हुए हैं। सोमवार को उन्होंने चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान से मुलाकात की और इसके बाद विदेश मंत्री वांग यी के साथ प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की। वांग ने जयशंकर का स्वागत किया और इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को समाप्त करने के भारत के कदम का सीधा जिक्र नहीं किया लेकिन भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव का उल्लेख किया।
साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, पिछले साल हुई बैठक में हमने कल्चरल एक्सचेंज के लिए 10 बिंदुओं पर चर्चा की थी। इस बार भी इन्हीं बिंदुओं पर बात की। हम 100 अलग-अलग गतिविधियों के जरिए इसे बढ़ावा देंगे। आने वाले कुछ महीने में म्यूजियम मैनेजमेंट, थिंक टैंक और एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस के जरिए कल्चरल एक्सचेंज पर जोर देंगे। साथ में कारोबारी रिश्तों को मजबूती देने के लिए भी नए मौकों की तलाश कर रहे हैं।
जयशंकर ने कहा कि, जैसा कि आप जानते हैं कि भारत और चीन के बीच संबंधों का वैश्विक राजनीति में बेहद विशिष्ट स्थान है। दो साल पहले हमारे नेता अस्ताना में एक आम सहमति पर पहुंचे थे कि ऐसे समय में जब दुनिया में पहले से अधिक अनिश्चितता है, भारत और चीन के बीच संबंध स्थिरता के परिचायक होने चाहिए।
भारत के साथ रिश्ते पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी का बयान, 'चीन व्यापारिक असमानता पर भारत की चिंता का स्वागत करता है, हम चीन में भारतीय एक्सपोर्ट को सुविधाएं देना जारी रखेंगे। इसके साथ ही हमें और विस्तृत सोचना होगा और निवेश, इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन, पर्यटन, बॉर्डर ट्रेड और अन्य मुद्दों पर सहयोग के बारे में सोचना होगा। वांग यी ने कहा कि, हमें सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का पालन करना चाहिए। विवादों को बाचतीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
जयशंकर की यह यात्रा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की नौ अगस्त को हुई चीन यात्रा के बाद हो रही है। जम्मू कश्मीर पर भारत के फैसले का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने को लेकर चीन से समर्थन मांगने के लिए कुरैशी बीजिंग पहुंचे थे।
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