जिस नर्व एजेंट के नाम पर रूस को किया पूरी दुनिया में बदनाम उसका ही पता नहीं लगा पाई ब्रिटिश लैब
लंदन। रूस के पूर्व जासूस और उनकी बेटी पर रासायनिक हमले को लेकर पिछले एक महीने से दुनिया में सुपरपॉवर देशों के बीच तनाव देखने को मिल रहा है। ब्रिटेन समेत अमेरिका लगातार इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराता आया है, लेकिन एक महीने तक चली जांच के बाद अब ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कहा है कि जासूसों पर हमले के कि लिए इस्तेमाल किए गए रासायनिक हथियार नर्व एजेंट का सोर्स ढूंढने में नाकाम हुए हैं। ब्रिटिश डिफेंस लैबोरटरी से आई जांच की रिपोर्ट के बाद रूस ने ब्रिटिश पीएम से ना सिर्फ माफी मांगने के लिए कहा है, बल्कि उनका मजाक भी उड़ाया है।
वैज्ञानिक सोर्स ढूंढने में नाकाम
ब्रिटेन का आरोप है कि पिछले माह 4 जनवरी को इंग्लैंड के सैलिसबरी में 66 वर्षीय रूसी जासूस सर्गेइ स्क्रिपल और उनकी 33 साल की बेटी यूलिया पर उन्हीं के घर के आगे नर्व एजेंट से हमला कर मारने की कोशिश की थी। हालांकि, पोर्टन डाउन लैबोरेटरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गैरी एटकेनहेड ने कहा कि हमले के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जहरीले पदार्थ नोविचोक था, लेकिन वैज्ञानिक इसका पता लगाने में विफल रहे हैं कि यह कहां बनकर तैयार हुआ है। डिफेंस लैबोरेटरी ने जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
क्या कहा लैब रिपोर्ट ने
एटकेनहेड ने कहा, 'हम यह पहचान नहीं कर पाए कि यह नर्व एजेंट कहां बनकर तैयार हुआ है, लेकिन हमने सरकार को वैज्ञानिक रिपोर्ट दे दी है। जिन्होंने कई सोर्स का प्रयोग किया था ताकि हम निष्कर्ष तक पहुंच सके। हमारा सिर्फ इतना काम है कि हम सरकार को बताए कि यह कौनसा नर्व एजेंट है। हमने पाया कि यह (नर्व एजेंट) किसी विशेष परिवार से है और यह एक सैन्य ग्रेड है, लेकिन यह कहां बनकर तैयार हुआ है, यह हमारा काम नहीं है।
ब्रिटिश सरकार अपने आरोपों पर टिकी
भले ही डिफेंस लैबोरेटरी यह पता लगाने में नाकाम रही है कि नोविचोक नर्व एजेंट कहां बनकर तैयार हुआ है, लेकिन ब्रिटिश सरकार अभी भी इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहरा रही है। ब्रिटेन का कहना है कि रासायनिक हथियार नर्व एजेंट का इस्तेमाल कर हत्या करना रूस का इतिहास रहा है। ब्रिटेन के अनुसार, रूस सरकार अपने विरोधियों और पूर्व खुफिया अधिकारियों पर इस तरह के अटैक करती आई है। हालांकि, पुतिन ने तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान के साथ अंकारा में न्यूज कांफ्रेंस के दौरान ब्रिटेन के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि दुनिया में 20 देश हैं जो नर्व एजेंट बनाते हैं।