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भारत की FDI नियमों में बदलाव से डरीं चीनी कंपनियां, निवेशक घबराए!

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नई दिल्‍ली। पिछले दिनों भारत ने अपनी फॉरेन डायरेक्‍ट इनवेस्‍टमेंट (एफडीआई) नीति में बदलाव किया है। कोरोना वायरस महामारी के बीच आए इन नए नियमों के बाद चीनी कंपनियों के लिए निवेश मुश्किल होने वाला है। पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश, म्‍यांमार, नेपाल और भूटान से अलग चीन, भारत में काफी मात्रा में निवेश करता है। न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स कीएक रिपोर्ट की मानें तो भारत की तरफ से जो नए नियम पिछले दिनों आए हैं, उसकी वजह से चीन की हर कंपनी और हर निवेशक घबराया हुआ है।

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26 बिलियन डॉलर का निवेश

26 बिलियन डॉलर का निवेश

मार्च में ब्रुकिंग्‍स रिसर्च ग्रुप की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में चीनी कंपनियों की तरफ से करीब 26 बिलियन डॉलर से ज्‍यादा का निवेश किया जाता है। चीनी ऑटोमोबाइल कंपनिसों से लेकर डिजिटल कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा बाजार बन चुका है। चीन की ऑटोमेकर कंपनी ग्रेट वॉल मोटर और साइक यूनिट एमजी मोटर ने भारत पर बड़ा दांव लगाया हुआ है। वहीं, टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी कंपनियां जैसे टेनसेंट और अलीबाबा ने भारत के डिजिटल पेंमेंट्स कंपनियों जैसे पेटीएम को एक नई दिशा दी है। बिग बास्‍केट से लेकर ओला जैसी कं‍पनियों ने भी काफी रूचि दिखाई है। कहा जा रहा है कि भारत की तरफ से जो निए नियम आए हैं, उसके बाद कोविड-19 के बीच 'मौकापरस्‍त' कंपनियों पर लगाम लग सकेगी। महामारी ने भारतीय बिजनेस को खासा नुकसान पहुंचाया है लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि नियम हर किसी पर लागू होंगे।

चीन ने बताया नए नियमों को भेदभाव से भरा

चीन ने बताया नए नियमों को भेदभाव से भरा

चीन ने भारत सरकार की तरफ से एफडीआई नीति में बदलाव को भेदभावपूर्ण करार दिया है। कुछ चीनी निवेशकों ने अपनी योजनाओं को अब कुछ समय के लिए रोक दिया है। भारतीय लॉ फर्म एलएंडएल पार्टनर्स के वैभव कक्‍कड़ ने रॉयटर्स को बताया कि चीनी कंपनियां अब नियमों में और स्‍पष्‍टता का इंतजार कर रही हैं। वैभव की मानें तो अब हर चीनी निवेशक परेशान है और उसे चिंता है कि सरकार की मंजूरी मिलने मे कई माह का समय लग सकता है। वैभव कई विदेशी कंपनियों को कानूनी सलाह देने का काम करते हैं। उनका कहना है कि नई एफडीआई नीति से देया के डिजिटल बिजनेस पर असर पड़ेगा जिसे फिलहाल फंड की सख्‍त जरूरत है।

निवेश पर पड़ेगा असर

निवेश पर पड़ेगा असर

एमजी मोटर और ग्रेट वॉल इस नई नीति को लेकर खासे चिंतित हैं। कंपनी से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार के फैसले से भावी निवेश के संभावित असर देखने को मिलेंगे। एमजी मोटर्स ने पिछले वर्ष भारत में कारों की बिक्री शुरू की है। अभी कंपनी को देश में 650 मिलियन डॉलर का निवेश करना है और यह निवेश वादे के मुताबिक होगा। ग्रेट वॉल को भारत में उत्‍पादन शुरू करना है। फरवरी में कंपनी की तरफ से कहा गया था कि उसने भारत में आने वाले कुछ वर्षों में एक बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनाई गई है।

सरकार कर रही है समीक्षा

सरकार कर रही है समीक्षा

रॉयटर्स ने दावा किया बीयर बनाने वाली कंपनी बीरा ने चीनी निवेशक के साथ 50 मिलियन डॉलर के निवेश करती है। सूत्रों की मानें तो अब इस निवेश में भी मुश्किलें आएंगी। बीरा की तरफ से इस पर किसी तरह की टिप्‍पणी करने से इनकार कर दिया गया। उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस समय कई तरह सवालों के जवाब तलाशे जा रहे है। जब से इस नई एफडीआई नीति को सार्वजनिक किया गया है तब से ही कई तरह के सवाल मंत्रालय के पास आ चुके हैं।

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English summary
Every Chinese investor is worried and scared with India's new FDI policy.
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