दक्षिण एशियाई बाढ़ पीड़ित देशों को मानवीय सहायता निधि से 1.65 मिलियन यूरो देगा यूरोपीय संघ
नई दिल्ली। यूरोपीय संघ ने गंभीर बाढ़ की विभीषिका झेल रहे दक्षिण एशियाई देशों को मानवीय सहायता निधि से 1.65 मिलियन यूरो प्रदान करने की घोषणा की है, जिसने खासकर बांग्लादेश, भारत और नेपाल को सर्वाधिक प्रभावित किया है। मंगलवार को की गई ताजा घोषणा के साथ इस क्षेत्र के आपदा पीड़ितों के लिए यूरोपीय संघ की कुल सहायता राशि बढ़कर अब 3.45 मिलियन यूरो में पहुंच गई है।
जानिए, दिल्ली-मुंबई में कोरोना के नए मामलों में गिरावट का राज़? क्या इसके पीछे है हर्ड इम्यूनिटी?
EU ने इस साल 1.8 मिलियन यूरो की तुलना में बड़ी धनराशि प्रदान की है
इस साल के शुरूआत में यूरोपीय संघ द्वारा घोषित 1.8 मिलियन यूरो की तुलना में अब तक की यह बड़ी सहायता राशि घोषित की गई है, जो आपदाओं की एक श्रृंखला से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए दी गई थी, जिसमें चक्रवात अम्फन भी शामिल है, जिससे मई महीने में भारत और बांग्लादेश को तबाह कर दिया था।
आपदा पीड़ितों के लिए EU की कुल धनराशि 3.45 मिलियन यूरो में पहुंची
यूरोपीय संघ के यूरोपीय नागरिक सुरक्षा और मानवीय सहायता संचालन (ईसीएचओ) ने एक बयान में कहा कि ताजा घोषणा के साथ इस क्षेत्र के आपदा पीड़ितों के लिए यूरोपीय संघ की कुल सहायता राशि बढ़कर 3.45 मिलियन यूरो में पहुंच गई है। भारत में खाद्य और आजीविका सहायता, आपातकालीन राहत आपूर्ति और पानी और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 500,000 यूरो का उपयोग किया जाएगा।
EU के एक्यूट लार्ज इमरजेंसी रिस्पांस टूल (ALERT) का हिस्सा है धनराशि
बयान में कहा गया है कि इस साल मानसून की बारिश ने 1.9 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है और लोगों की कमजोरियों को बढ़ाया है क्योंकि वो वैश्विक कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। दक्षिण एशियाई देशों के लिए यूरोपीय संघ द्वारा मुहैया कराई जा रही धनराशि यूरोपीय संघ के एक्यूट लार्ज इमरजेंसी रिस्पांस टूल (ALERT) का हिस्सा है। बयान में कहा गया है कि कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के उपायों को भी सभी प्रोग्रामिंग में शामिल किया जाएगा।
दक्षिण एशिया में मानसून की बारिश विशेष रूप से विनाशकारी रही है
एशिया और प्रशांत क्षेत्र में यूरोपीय संघ के मानवीय कार्यक्रम की देखरेख करने वाली ओहेनी थम्मनगोडा ने कहा कि दक्षिण एशिया में मानसून की बारिश इस साल विशेष रूप से विनाशकारी रही है और हमारे मानवीय सहयोगियों को अपना आश्रय, सामान और आजीविका के स्रोतों को खो देने वालों को महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हम लोगों को इस कठिन समय से बचने के लिए साधन प्रदान कर रहे हैं ताकि वे जल्द से जल्द अपने पैरों पर खड़े हो सकें।