इंग्लैंड से शुभ समाचार: 10 महीने बाद कोविड-19 से एक भी मौत नहीं, बेहद कारगर रही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन
इंग्लैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक पूरे यूनाइटेड किंगडम में सोमवार को 2357 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और 4 मरीजों की मौत भी हुई।
लंदन, मई 11: कोरोना वायरस से जूझती दुनिया में कुछ कुछ देश अब इस वायरस के खिलाफ जंग जीतकर आशा की नई किरण दिखा रहे हैं। इस वक्त भारत में कोरोना वायरस जमकर कहर बरपा रहा है और हर भारतीय एक सवाल का जवाब जानना चाहता है कि आखिर इस जानलेवा वायरस से कब मुक्ति मिलेगी? ऐसे में इंग्लैंड से मिली शुभ समाचार राहत प्रदान करता है। करीब 10 महीने बाद जाकर पहली बार ऐसा हुआ है जब ब्रिटेन में कोरोना वायरस की वजह से किसी की भी जान नहीं गई है। इंग्लैंड में पिछले साल जुलाई के बाद ऐसा मौका आया है जब कोविड-19 से किसी की मौत नहीं हुई है।
10 महीने बाद किसी की मौत नहीं
इंग्लैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक पूरे यूनाइटेड किंगडम में सोमवार को 2357 कोरोना संक्रमित मरीज मिले और 4 मरीजों की मौत भी हुई। लेकिन, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड को मिला दिया जाए तो इस जानलेवा वायरस से किसी ने भी अपनी जान नहीं गंवाई है। वहीं, इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने अब देश के लिए अलर्ट लेवल कम कर दिया है, जिसका मतलब ये हुआ कि अब कोरोना वायरस के मामले काफी तेजी से आगे नहीं जाएगा, हां सामान्य तरीके से मामले अभी भी आते रहेंगे। इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रोफेसर क्रिस विट्टी ने कहा कि 'जनता के सहयोग और वैक्सीन की वजह से आज हमें कामयाबी मिल रही है और पूरे यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस के मामलों में और मृत्यु में कमी आई है। यूनाइटेड किंगडम के सीएमओ ने यूके का अलर्ट लेवल 4 से घटाकर अब तीन कर दिया है, लेकिन अभी भी सबकुछ हमपर निर्भर करता है कि हम कितना सतर्क रहते हैं और कितनी सावधानी बरतते हैं।'
इंग्लैंड की जनता को धन्यवाद
यूके के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बयान जारी करते हुए इस सफलता के लिए इंग्लैंड और यूके की जनता का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने परेशानियां उठाईं, दर्द सहा और अब जाकर कोरोना वायरस के मामलों में काफी कमी आई है। अब मृत्यु दर में कमी आ चुकी है और कोविड-19 से जुड़े अस्पतालों का प्रेशर भी कम हो गया है। हालांकि, अभी भी लोगों में कोरोना वायरस फैल रहा है लिहाजा हमें अभी भी सतर्क और सावधान रहना होगा। क्योंकि अभी भी ये वायरस पूरी दुनिया के लिए एक महामारी बना हुआ है और कई देश अभी भी इस वायरस से प्रभावित हैं। आपको बता दें कि जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में अब तक कुल मिलाकर 44 लाख 50 हजार 578 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गये, जिनमें से एक लाख 27 हजार 865 लोगों की मौत हो गई।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन काफी प्रभावी
ब्रिटेन में 50 हजार लोगों पर रिसर्च के दौरान पता चला है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन 80 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद ही इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या में 80 फीसदी से ज्यादा की कमी आ गई। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन वो वैक्सीन है, जिसका इस्तेमाल भारत में भी काफी ज्यादा हो रहा है और भारत में जिन दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, उनमें एक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन कोविशील्ड भी है। इंग्लैंड के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड वैक्सीन की बस एक खुराक से मौत की संभावना 80 प्रतिशत तक कम हो जाती है वहीं फाइजर वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद मौत की संभावना 97 प्रतिशत तक कम हो जाती है। ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि कोनो वायरस से इस जंग में वैक्सीन ही एकमात्र रामबाण उपाय है।
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