हांगकांग में 21 साल की एग्नेस चौ ने डेमोक्रेसी की आवाज उठायी, तो चीन ने उसे अपना दुश्मन मान लिया
बीजिंग। चीन का इतिहास रहा है कि जब भी कोई राजनीति में आने का सपना देखे, तो उसका करीयर शुरू होने से पहले ही उसे खत्म कर दिया जाए। डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल एस्टाब्लिश्मेंट की मांग हो या अपने हक की लड़ाई, चीन अपने देश में तो यह गुनाह मानता ही है, लेकिन हांगकांग में भी इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता है। ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है, जब हांगकांग की एक 21 वर्षीय एग्नेस चौ नाम की महिला राजनीति में अपना करीयर बनाना चाहती है, लेकिन इससे पहले उसके सपने को नेस्तनाबूद कर दिया। चौ हांगकांग में एक लोकतांत्रिक समर्थक कैंपेनर है, जो चीन को बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
एग्नेस चौ चीन की नई शिकार
चीन ने हांगकांग के लेजिस्लेटिव काउंसिल में एग्नेस चौ और उसकी पार्टी को भाग लेने के लिए इसलिए रोक दिया, क्योंकि उनका मैनिफेस्टो लोकतंत्र को समर्थन करता है। चीन ने बड़े ही चालाकी के साथ चौ और उसकी डेमोसिस्टो पार्टी को लेजिस्लेटिव काउंसिल में प्रवेश करने से रोक दिया। कभी ब्रिटिश कॉलोनी रह चुका हांगकांग में लोकतंत्र की लड़ाई शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाती है, जहां पिछले साल ही एक चुने हुए लॉमेकर्स को हटा दिया गया था।
शांत नहीं है एग्नेस चौ
हालांकि, यंग प्रो डेमोक्रेटिक एक्टिविस्ट चौ अपने साथ हुए बर्ताव को लेकर बिल्कुल भी शांत नहीं है और विश्व समुदाय से हांगकांग के अधिकार को चीन से रक्षा करने के लिए आग्रह कर रही है। चीन के रवैये को लेकर चौ ने कहा, 'यह प्रतिबंध सिर्फ मुझ पर नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है, जो सरकार के विचारों से जरा सा भी इत्तेफाक रखते हैं। हांगकांग में एक बहुत छोटा सा ऑफिस लेकर बैठी चौ कहती है कि सरकार सिर्फ उन्हीं को ही चाहती है, जो चीन के लिए स्नेह दिखाए और कम्युनिस्ट पार्टी को फॉलो करे। यहां विचारों में मतभेद बिल्कुल भी स्वीकार नही किये जाते हैं।'
ब्रिटेन से चौ को उम्मीद
निडर चौ का मानना है कि कई लोग लोगों को लगता है कि यह त्याग की तरह है, लेकिन मैं हांगकांग के लिए लड़ाई लड़ रही हूं और उनसे तुलना नहीं की जा सकती है, जो हांगकांग के लिए जेल भी गए हैं। चौ को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री से थेरेसा मे से बहुत आशा है, जिन्होंने हाल ही में बीजिंग आकर शी जिनपिंग से मुलाकात कर 'मानवाधिकार' जैसा मुद्दा उठाने का वचन दिया था। चौ ने कहा कि उन्हें अन्य देशों के बजाय ब्रिटेन से ज्यादा उम्मीद है कि वे हांगकांग की स्थितियों की मॉनिटर करेंगे।