एली लिली की एंटीबॉडी दवा का कोरोना मरीजों पर नहीं दिखा असर, अमेरिका ने टेस्टिंग रोकी
नई दिल्ली। अमेरिका की कंपनी एली लिली ने कोरोनोवायरस के लिए अपने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार को रोक दिया है। यूएस सरकार के अधिकारियों और कंपनी की ओर से सोमवार को कहा गया है कि कोरोना मरीजों पर इस टेस्टिंग से कोई फायदा नहीं दिखा है। ऐसे में इस टेस्टिंग को रोका जा रहा है। दो हफ्ते पहले एली लिली की एंटीबॉडी दवा के ट्रायल पर सुरक्षा चिंताओं के चलते रोक लगाई गई थी। अब पूरी तरह से इसका ट्रायल बंद कर दिया गया है।
दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन और दूसरी प्रभावी दवाओं के लिए कई ट्रायल चल रहे हैं। हालांकि इसमे कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। वहीं एली लिली के अलावा भी कई ट्रायल रोकने पड़े हैं। अमेरिका के लिए ज्यादा चिंताएं इसलिए हैं क्यों अमेरिका दुनिया का कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। अमेरिका में कोरोना के अब तक 89 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। वहीं अमेरिका में बढ़ते कोरोना के केस ने एक बार फिर से एक्सपर्टस की परेशानी बढ़ा दी है। फ्लोरिडा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों के जन्मदिन के अवसर पर पार्टियां ना करें और ना ही वीकेंड मनाने के लिए देर रात पार्टी करें, ये सारी बातें संक्रमण को बढ़ावा दे रही हैं, तो वहीं दक्षिणी डकोटा में आदेश जारी किया गया है कि 30 अक्टूबर तक सभी गैर जरूरी यात्रा और गैर जरूरी कामकाज बंद रहेंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने शुक्रवार को कहा है कि दुनिया कोरोना महामारी में अब नाजुक मोड़ पर पहुंच गई है और कुछ देश खतरनाक ट्रैक पर चल रह रहे हैं, जहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहद खराब स्थिति का सामना कर रही है। जिनेवा में प्रेस कांफ्रेंस में डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडहानॉम ने कहा कि टेड्रोस एडहानॉम ने आगाह करते हुए कहा कि अगले कुछ महीने बहुत कठिन रहने वाले हैं इसलिए सभी को काफी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सर्दी में कोरोना का खतरा काफी बढ़ सकता है ऐसे में लोगों को बिल्कुल भी स्वास्थ्य को लेकर कोताही नहीं बरतनी है।
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