आइंस्टीन ने 22 साल की लड़की को लिखा था 'स्नेह' पत्र, चार लाख में बिका
अल्बर्ट आइंस्टीन का लिखा 'स्नेह' पत्र मंगलवार को यरूशलम में करीब चार लाख रुपए में नीलाम हुई.
यह चिट्ठी आइंस्टीन ने 1921 में इटली की एक वैज्ञानिक को लिखी थी, जिन्होंने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था.
उस वैज्ञानिक का नाम था एलिजाबेट्टा पिकिनी, जो उस वक्त 22 साल की थीं और केमेस्ट्री की छात्रा थीं.
अल्बर्ट आइंस्टीन का लिखा 'स्नेह' पत्र मंगलवार को यरूशलम में करीब चार लाख रुपए में नीलाम हुई.
यह चिट्ठी आइंस्टीन ने 1921 में इटली की एक वैज्ञानिक को लिखी थी, जिन्होंने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था.
उस वैज्ञानिक का नाम था एलिजाबेट्टा पिकिनी, जो उस वक्त 22 साल की थीं और केमेस्ट्री की छात्रा थीं.
नोबल पुरस्कार विजेता आइंस्टीन तब 42 साल के थे. पिकिनी इटली के एक शहर फ्लोरेंस में आइंस्टीन की बहन माजा के ऊपर वाले फ्लैट में रहती थीं.
चिट्ठी की ख़रीदारी करने वाले ने कहा, "आइंस्टीन उनसे मिलना चाहते थे पर पिकिनी ऐसे प्रख्यात व्यक्ति से मिलने में हिचक रही थीं."
पिकिनी को लिखे पत्र में आइंस्टीन ने मुहावरे का प्रयोग किया है, जो उनसे उनके 'स्नेह' को दर्शाता है.
पत्र में लिखा है, "एक वैज्ञानिक शोधकर्ता के लिए, जिनके पैरों पर मैं सोया और एक दोस्त की तरह दो दिनों तक बैठा."
नीलामी जीतने वाले संस्थान के मुख्य अधिकारी गेल वेनर ने कहा, "इन दिनों चल रहे #MeToo अभियान के बारे में जानते हैं? अगर ऐसा उस समय चल रहा होता तो इस पत्र के लिए आइंस्टीन शायद इस अभियान के शिकार होते."
इस पत्र के साथ आइंस्टीन के लिखे अन्य पत्रों की भी बिक्री की गई है. इनमें वो पत्र भी शामिल है जिसमें उन्होंने "थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के तीसरे चरण" के बारे में लिखी थी.
यह पत्र 1928 की है जिसे करीब 67 लाख रुपए में नीलाम किया गया है.