सोने से भी महंगे हैं इस अद्भुत पक्षी के पंख, हासिल करने के लिए जान पर खेल जाते हैं लोग, बदल जाती है किस्मत
आइसलैंड के अंदरूनी इलाकों में ये पक्षी पायी जाती है, जिसका नाम पोलर डक यानि ध्रुवीय बत्तख है। ये बत्तख आम बत्तखों से काफी अलग होती है और पिछले हजारों सालों से इस बत्तख को लोग यहां पर संभालते आ रहे हैं।
नई दिल्ली, अगस्त 03: हमारी धरती पर हजारों-लाखों ऐसे जीव मौजूद हैं, जिन्हें कुदरत ने अलग अलग तोहफों से बख्शा है और उनमें ऐसी ऐसी खासियत होती है, जिसे देखकर इंसान दंग रह जाता है। आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पंख हासिल करने के लिए लोग जान की बाजी तक लगा देते हैं, क्योंकि इस पक्षी के पंख की कीमत सोने से भी ज्यादा है।
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बेहद अद्भुत पक्षी है पोलर बत्तख
आइसलैंड के अंदरूनी इलाकों में ये पक्षी पायी जाती है, जिसका नाम पोलर डक यानि ध्रुवीय बत्तख है। ये बत्तख आम बत्तखों से काफी अलग होती है और पिछले हजारों सालों से इस बत्तख को लोग यहां पर संभालते आ रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि शायद इंसानों के द्वारा किए जाने वाला यह इकलौता शिकार है, जिसमें शिकार का मकसद शिकार को जिंदा रखना होता है। इस बत्तख की सबसे बड़ी खासियत इसकी पंख होती है, जिसकी कीमत लाखों रुपये होती है। आइसलैंड में रहने वाले करीब 400 किसान इस अद्भुत बत्तख को पालते हैं और लाखों रुपये कमाते हैं।
पक्षी के पंख से निकलता फाइबर
ईडर पोलर डक का शिकार सामान्य तौर पर गर्मियों में पश्चिम आइसलैंड के ब्रेइसाफजोरिउर खाड़ी में किया जाता है, लेकिन इनका शिकार इस तरह से किया जाता है, कि पक्षी को जरा सा भी नुकसान ना हो। इस बत्तख के पंख की भारी मांग होती है और अकसर सोने से ज्यादा कीमत में इस पक्षी के पंख बिकते हैं। दरअसल, इस पक्षी के पंख को दुनिया में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला प्राकृतिक फाइबर माना जाता है। इसका उपयोग बड़े ब्रांड लक्जरी उत्पादों के निर्माण के लिए करते हैं। ये पंख बेहद हल्के होते हैं और शरीर को भरपूर गर्मी प्रदान करते हैं। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस फाइबर की काफी ज्यादा मांग होती है। इस पंख से एक तरह का ऊन तैयार किया जाता है और इसके ऊन से बने उत्पाद काफी ज्यादा कीमतों पर बिकते हैं।
पंख जमा करना है बड़ा कारोबार
यह फाइबर ईडर ध्रुवीय बतख की निचली गर्दन से लिया जाता है और इसके रेशे तब तैयार होते हैं जब बत्तखें उन पर बैठकर अंडे देना शुरू कर देती हैं। यानि, बत्तख से पंख लेने के बाद उसे उसके घोंसलों में रख दिया जाता है और जब बत्तख उस पंख पर अंडे दे देती है और वहां से चली जाती है, उसके बाद उसके पंख के साथ घोंसले में जो कुछ भी होता है, सब उठा लिया जाता है। पक्षी के ब्रेस्ट से यह फाइबर निकलता है और जिसके हाथ लगता है, ऐसा माना जाता है कोई लॉटरी उसके हाथ लग गई हो। इस बत्तख के पंखों को इकट्ठा करना आइसलैंड में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का एक बहुत बड़ा स्रोत है।
5 हजार डॉलर में 800 ग्राम फाइबर
बाजार में 800 ग्राम फाइबर की कीमत करीब 4 लाख रुपये के करीब होता है। इस बत्तख के पंख से कमाई करने वाले लोग साल में तीन बार इसे खोजने के लिए बाहर जाते हैं। एक किलो रेशे के लिए उन्हें 60 बत्तखों के घोंसलों की तलाश करनी पड़ती है। खास बात यह है कि जब तक ये बत्तख रहेंगे, तभी तक इनके पंख मिल पाएंगे, लिहाजा इन बत्तखों को बेहद संभालकर रखा जाता है। इसलिए लोग इन्हें मारते नहीं बल्कि जिंदा रखने के लिए और उपाय करते हैं। लिहाजा, इन बत्तखों से फाइबर निकलने के काम को ऐसा शिकार माना जाता है, जिसमें 'पीड़ित' का सबसे ज्यादा खयाल रखा जाता है।
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