दुनियाभर में इस तरह मनाया गया ईद-अल-अधा का त्योहार, गले मिलकर दी गई बधाईयां
नई दिल्ली। सोमवार को देश और दुनिया में ईद-अल-अधा का त्योहार मनाया गया। केंद्र शासित हो चुके जम्मू कश्मीर में ईद की नमाज अता की गई। भारत के अलावा कई अन्य ऐसे राष्ट्र जहां मुस्लिम ज्यादा संख्या में हैं वहां भी त्योहार को जोर शोर से मनाया जा रहा है। इंडोनेशिया में भी लोगों ने ईद-अल-अधा की नमाज अता की। फिलीस्तीन में आज के दिन सरकारी छुट्टी रखी गई और लोगों ने ईद की नमाज पढ़ी और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी।
बता दें कि कुर्बानी का पर्व 'बकरीद' कई मायनों में खास है और एक विशेष संदेश लोगों को देता है। बकरीद को अरबी में 'ईद-उल-जुहा' कहते हैं। इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल को इसी दिन खुदा के लिए कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने, उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है। अरबी में 'बक़र' का अर्थ है बड़ा जानवर जो जिबह किया (काटा) जाता है, ईद-ए-कुर्बां का मतलब है 'बलिदान की भावना' और 'क़र्ब' नजदीकी या बहुत पास रहने को कहते हैं मतलब इस मौके पर इंसान भगवान के बहुत करीब हो जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी लेकिन जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा कि मक्का के करीब मिना पर्वत की उस बलि वेदी पर उनका बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था और उनका बेटा उनके सामने खड़ा था। विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं।
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