अफ्रीका में इबोला वायरस मचा रहा खौफ, गिनी और कांगो में 29 मरीजों में 13 की मौत, हजारों हो सकते हैं संक्रमित
कोरोना वायरस के बाद अफ्रीकन देशों में इबोला वायरस खतरनाक कहर बरपा रहा है। गिनी और कांगो में इबोला से 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
कांगो: पिछले डेढ़ साल से दुनिया कोरोना वायरस से परेशान है और लाखों लोगों को मौत कोरोना वायरस की वजह से हो चुकी है मगर पश्चीमी अफ्रीकी देश में कोरोना वायरस से सौ गुना ज्यादा खतरनाक वायरल इबोला वायरस फिर से फैलना शुरू हो चुका है। इबोला वायरस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इससे मरने वालों का प्रतिशत 60 प्रतिशत से ज्यादा है जबकि कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम है।
इबोला का खतरनाक ऑउटब्रेक
कोरोना
वायरस
का
वैक्सीन
दुनिया
के
हर
लोगों
तक
पहुंचाने
की
कोशिश
हो
रही
है
जबकि
इबोला
वायरस
का
वैक्सीन
बनाया
भी
नहीं
गया
है
और
इस
वायरस
से
मृत्युदर
काफी
ज्यादा
है।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पश्चिमी
अफ्रीक
देश
गिनी
और
कांगों
में
इबोला
वायरस
के
29
मरीजों
की
पुष्टि
की
गई
है
जिनमें
से
13
मरीजों
की
मौत
भी
हो
गई
है।
गिनी
और
कांगों
में
जिन
जगहों
पर
इबोला
वायरस
के
मरीज
मिले
हैं
उन
इलाकों
को
पूरी
तरह
से
बंद
कर
दिया
गया
है
और
लॉकडाउन
लगा
दिया
गया
है।
वहीं
सैकड़ों
लोगों
को
क्वारंटाइन
किए
जाने
की
भी
खबर
है।
इबोला
वायरस
इतना
खतरनाक
है
कि
अगर
ये
कोरोना
वायरस
की
तरह
दुनिया
में
फैला
तो
करोड़ों
लोगों
की
जान
ले
सकता
है।
आपको
बता
दें
कि
इससे
पहले
2013
में
इबोला
वायरस
खतरनाक
स्तर
पर
फैला
था
और
इसके
वायरस
कई
देशों
में
मिले
थे
जिसमें
करीब
12
हजार
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
लेकिन,
दोबारा
इस
वायरस
का
फैलना
दुनिया
के
लिए
खतरे
की
घंटी
से
कम
नहीं
है।
गिनी
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
मुताबिक
एक
नर्स
की
मौत
इबोला
वायरस
की
वजह
से
हुई
थी
और
नर्स
के
अंतिम
संस्कार
में
जाने
वाले
कई
लोगों
को
क्वारंटाइन
किया
गया
था
जिनमें
से
8
लोगों
में
इबोला
वायरस
के
लक्षण
मिले
थे
जिनमें
3
और
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है।
कैसे फैलता है इबोला वायरस
इबोला वायरस भी कोरोना वायरस की तरह ही इंसानों से इंसान में फैलता है मगर इस वायरस के फैलने की गति कोरोना की तुलना में काफी ज्यादा होता है। ये वायरस शरीर के किसी भी हिस्से जैसे घाव, थूक, जख्म, पेशाब नली, आंख, नाक, सांस...किसी भी हिस्से से शरीर के अंदर जा सकता है। इबोला वायरस के लक्षण उभरने में 2 से 21 दिनों का वक्त लगता है। इस वायरस से संक्रमित लोगों को तेज बुखार आता है और फिर सिर और पूरे बदन में तेज दर्द होता है। मलेरिया बीमारी के दौरान होने वाले सभी लक्षण इबोला में भी होते हैं। इबोला वायरस कितना खतरनाक वायरस है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 2018 में कॉन्गो में इबोला वायरस से जितने लोग संक्रमित हुए थे उनमें दो तिहाई लोग मारे गये थे।