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Earthquake: 2020 में यहां आए सबसे ज्यादा भूकंप, तीन महीने में 30 हजार बार हिली धरती

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नई दिल्ली। Earthquake: वर्ष 2020 को अब खत्म होने में कुछ दिन ही बाकि हैं ऐसे में लोगों को आने वाले साल 2021 के अच्छा होने की उम्मीद है। कोरोना वायरस महामारी, तूफान, बाढ़ और भूंकप की वजह से लोगों के लिए यह वर्ष काफी कठिन रहा। उत्तर भारत में लोग उस समय डर गए जब दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार देर रात भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। भारत के अलग-अलग हिस्सों में इस वर्ष कई भूकंप के झटके महसूस किए गए लेकिन आज हम आपको उस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पिछले तीन महीने में 30 हजार से अधिक बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए।

इस महाद्वीप पर आए 30 हजार से ज्यादा भूकंप

इस महाद्वीप पर आए 30 हजार से ज्यादा भूकंप

आपको मालूम होगा कि हमारी पृथ्वी पर सात महाद्वीप हैं, जहां हर वर्ष भूकंप के तेज या हल्के झटके आते रहते हैं। लेकिन इनमें से एक महाद्वीप ऐसा भी है जहां पिछले तीन महीने में 30 हजार से ज्यादा बार भूकंप आ चुका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सबसे ज्यादा भूकंप की मार झेलने वाले बर्फीले महाद्वीप अंटार्कटिका (Antarctica) की। यूनिवर्सिटी ऑफ चिली (University of Chile
) के भूगर्भ वैज्ञानिकों के एक दावे के मुताबिक यहां 3 महीने में 30,000 से ज्यादा भूकंप आए हैं।

अगस्त के बाद से आए हजारो भूकंप

अगस्त के बाद से आए हजारो भूकंप

चिली के भूगर्भ वैज्ञानिकों द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक इस महाद्वीप पर इस साल अगस्त महीने के अंत से लेकर दिसंबर तक हजारों बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इसमें से कई भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल (Richter scale) पर 6 मापी गई है। लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है, क्यों यहा इतने भूकंप आते हैं? चिली (Chile) के वैज्ञानिकों ने अपने स्टडी में इन्हीं सवालों का जवाब खोजने की कोशिश की है।

चिली के वैज्ञानिकों ने किया दावा

चिली के वैज्ञानिकों ने किया दावा

यूनिवर्सिटी में ही मौजूद नेशनल सीस्मोलॉजिकल सेंटर (National Seismological Center) के वैज्ञानिक के मुताबिक अब तक सबसे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप अंटार्कटिका के ब्रैन्सफील्ड स्ट्रेट (Bransfield Strait) में दर्ज किया गया है। भूकंप की तीव्रता 6 मापी गई थी। बता दें कि साउथ शेटलैंड आइलैंड्स और अंटार्कटिक प्रायद्वीप के बीच मौजूद 96 किलोमीटर चौड़ी समुद्री खाड़ी को ब्रैन्सफील्ड स्ट्रेट कहा जाता है।

इस वजह से आ रहे ज्यादा भूकंप

इस वजह से आ रहे ज्यादा भूकंप

मीडियो रिपोर्ट के मुताबिक यहां कई माइक्रोप्लेट्स और टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, इस टकराव से घर्षण पैदा होता है जिस वजह से यहां इतने भूकंप आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में छपी स्टडी के मुताबिक कुछ सर्दियों पहले ब्रैन्सफील्ड स्ट्रेट के फैलाव की गति 7 से 8 मिलीमीटर हर साल थी लेकिन अब यह हर वर्ष 6 इंच यानी 15 सेंटीमीटर की गति से फैल रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा ब्रैन्सफील्ड स्ट्रेट के नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों में हो रही ज्यादा गतिविधि के कारण हो रहा है।

तेजी से गर्म हो रहा इलाका

तेजी से गर्म हो रहा इलाका

नेशनल सीस्मोलॉजिकल सेंटर के निदेशक सर्जियो बैरिनटोस ने बतायाकि पिछले कुछ महीनों में ब्रैन्सफील्ड स्ट्रेट के फैलाव में 20 गुना इजाफा हुआ है। इसका मतलब यह है कि शेटलैंड आइलैंड्स तेजी से अंटार्कटिका से अलग हो रहा है। इस प्रक्रिया के चलते ब्रैन्सफील्ड स्ट्रेट का फैलाव बढ़ रहा है। चिंताजनक बात यह है कि अंटार्कटिका का यह इलाका तेजी से गर्म होने वाला स्थान बनता जा रहा है, यही वजह है कि वैज्ञानिक लगातार इस पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।

यह भी पढ़ें: नेपाल ने किया माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का खुलासा, जानिए भूकंप के बाद बढ़ी या कम हुई पर्वत की हाइट

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English summary
earthquake 2020 More than 30 thousand earthquake hits antarctica in three months
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