क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

रहस्यमय ढंग से घट रहा है धरती का चुंबकीय क्षेत्र, लेकिन NASA ने कहा प्रलय नहीं आ रहा

Google Oneindia News

नई दिल्ली- नासा के वैज्ञानिकों ने यूरोपीयन स्पेस एजेंसी से ली गई डेटा के आधार पर धरती के चुंबकीय क्षेत्र को लेकर कही जा रही बातों की हवा निकाल दी है। ईसीए के सैटेलाइट से जुटाए गए डाटा के आधार पर कहा जा रहा था कि अमेरिका और अफ्रीका के बीच में पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इस कदर घट रहा है कि सैटेलाइट काम करने बंद कर रहे हैं, स्पेस क्राफ्ट बेलगाम हो रहे है। लेकिन, नासा की वैज्ञानिक के मुताबिक पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में कमजोरी या मजबूती होती रहती है और इससे धरती को कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला।

Recommended Video

Earth Magnetic Field की शक्ति हो रही है कम, हमारे Satellites के लिए खतरा | वनइंडिया हिंदी
नासा ने पलट दिया ईएसए के डेटा के आधार पर किया गया दावा

नासा ने पलट दिया ईएसए के डेटा के आधार पर किया गया दावा

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के डेटा के आधार पर दावा किया गया है कि रहस्यमयी विसंगतियों की वजह से धरती के चुंबकीय क्षेत्र कमजोर होती जा रही है। वैज्ञानिकों ने इसे दक्षिण एटलांटिक विसंगति (South Atlantic Anomaly) का नाम दिया है, क्योंकि पृथ्वी की चुंबकीय क्षमता में यह कमजोरी दक्षिण अमेरिका से दक्षिण पश्चिम अफ्रीका तक महसूस की जा रही है। जब इंडिया टीवी न्यूज डॉट कॉम ने ईएसए के दावों को लेकर नासा के वैज्ञानिकों से बात की तो मामला उतना भयावह नहीं दिखा, जितना की दावा किया जा रहा था। नासा के हेलियोफिजिक्स कम्युनिकेशन की अगुवा कैरेन सी फॉक्स ने कहा, ज्यादातर दावे गलत धारणाओं के आधार पर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जियोमैग्नेटिक फ्लिप के बारे में एक और प्रलय की परिकल्पना आने वाली सौर गतिविधि के बारे में आशंकाओं को जन्म देती हैं। इसकी वजह से गलती से यह धारणा बना ली गई है कि ध्रुव के उलटने से पृथ्वी चुंबकीय क्षेत्र के बगैर रह जाएगी, जो हमें सूरज की तेज धधक और उससे निकलने वाले कोरोनल मास से हमारी रक्षा करता है। '

धरती का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर और मजबूत होता रहता है-नासा

धरती का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर और मजबूत होता रहता है-नासा

उन्होंने आगे बताया कि समय के साथ पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर और मजबूत होता रहता है, लेकिन यह कभी भी पूरी तरह से गायब नहीं होता। उनके मुताबिक, 'हालांकि, समय के साथ पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र निश्चित रूप से कमजोर और मजबूत होता है, इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि यह कभी पूरी तरह से गायब हो गया हो।' उन्होंने आगे यह भी बताया कि 'एक कमजोर (चुंबकीय) क्षेत्र निश्चित रूप से धरती पर सूर्य के रेडिएशन में थोड़ा इजाफा करेगा और साथ ही साथ निचले आक्षांश पर ऊषाकाल का खूबसूरत प्रदर्शन करेगा, लेकिन इसमें खतरनाक कुछ भी नहीं होगा। यही नहीं, अगर चुंबकीय क्षेत्र कमजोर भी होगा तो भी धरती का मोटा वायुमंडल सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स से इसकी रक्षा करेगा।'

सैटेलाइट और स्पेसक्राफ्ट को लेकर जताई गई थी चिंता

सैटेलाइट और स्पेसक्राफ्ट को लेकर जताई गई थी चिंता

इससे पहले ईएसए के डेटा के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया था कि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के बीच पृथ्वी की चुंबकीय क्षमता कम होती जा रही है, जिससे सैटेलाइट और स्पेस क्राफ्ट पर उल्टा असर पड़ रहा है। वैज्ञानिकों ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के डेटा का इस्तेमाल कर पाया कि 1970 और 2020 के बीच उस रहस्यमयी विसंगति की क्षमता में 8 फीसदी की कमी आई है। लेकिन, दक्षिण अटलांटिक में नई विसंगति पिछले दशक में ही दिखाई दी है और हाल ही के वर्षों में ये तेजी से विकसित हुई है। उन वैज्ञानिकों के मुताबिक, 'हमारे पास ऑर्बिट में स्वार्म सैटेलाइट है, जो दक्षिण अटलांटिक में विकसित हो रही विसंगति की जांच करने में मदद कर रही है।' लेकिन, नासा की वैज्ञानिक ने फिलहाल उन चिंताओं को दूर कर दिया है, जो पृथ्वी की चुंबकीय क्षमता को लेकर पहले की गई थी। (तस्वीरें सांकेतिक)

इसे भी पढ़ें- दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में 10 भारत के, लिस्ट में चुरू, दिल्ली सहित ये शहर शामिलइसे भी पढ़ें- दुनिया के 15 सबसे गर्म शहरों में 10 भारत के, लिस्ट में चुरू, दिल्ली सहित ये शहर शामिल

Comments
English summary
Earth's magnetic field is mysteriously decreasing, but NASA said the doomsday is not coming
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X