अर्थ आवर: धरती को बचाने के लिए जब अंधेरे में डूब जाती है दुनिया
ये बिजली संकट की वजह से नहीं था बल्कि दुनिया भर में शनिवार को 'अर्थ आवर' मनाया जा रहा था. इसका मक़सद दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाना है.
इसकी शुरुआत साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया में हुई थी. साल 2010 में ये दुनिया के 120 देशों में अपनाया गया था जबकि इस बरस 187 देशों ने इसमें हिस्सा लिया.
दुनिया की कुछ मशहूर इमारतें हर साल एक घंटे के लिए अंधेरे में डूब जाती हैं. ये बिजली संकट की वजह से नहीं था बल्कि दुनिया भर में शनिवार को 'अर्थ आवर' मनाया जा रहा था. इसका मक़सद दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाना है.
इसकी शुरुआत साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया में हुई थी. साल 2010 में ये दुनिया के 120 देशों में अपनाया गया था जबकि इस बरस 187 देशों ने इसमें हिस्सा लिया.
हम दुनिया भर के कुछ प्रमुख शहरों के बारे में आपको बता रहे हैं जहां शनिवार (24 मार्च, 2018) को बत्तियां बुझा दी गईं.
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया - हार्बर ब्रिज एंड ओपेरा हाउस
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
चीन का नेशनल स्टेडियम (बर्ड्स नेस्ट), बीजिंग
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
मलेशिया का पेट्रोनस टावर्स, क्वाला लंपुर
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
ताइपेई 101, ताइवान
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
सुपरट्री ग्रोव सिंगापुर
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
इंडिया गेट, नई दिल्ली
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
क्राइस्ट द सेवियर कथिड्रल, मॉस्को
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
कोलोज़ियम, रोम, इटली
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
पार्थेनॉन टेंपल, एथेंस, ग्रीस
'अर्थ आवर' के पहले
'अर्थ आवर' के दौरान
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