पृथ्वी पर कार्बन डाइऑक्साइड पहुंचा सबसे खतरनाक स्तर पर, इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन दौर से भी बदतर हालात
वॉशिंगटन। ग्लोबल वर्मिंग के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार कार्बन डाइआक्साइड पिछले माह 410 पार्ट्स प्रति मिलियन उत्सर्जन हुआ, जिसने 8 लाख साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। स्क्रिप्स इंस्टिट्यूट ऑफ ओशियनोग्राफी के अनुसार, इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन के दौरान भी बहुत कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन हुआ था, लेकिन कभी 300 पार्ट्स प्रति मिलियन से पार नहीं गया, लेकिन दुनिया में यह जहरीली गैस एक अनुमान के आकंलन को भी पार कर चुकी है।
स्क्रिप्स के वैज्ञानिक राल्फ कीलिंग ने कहा कि हम लगातार जिवाश्म ईंधन जला रहा हैं और हवा में तेजी के साथ कार्बन डाइऑक्साइड मिल रही है। कीलिंग की इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले माह अप्रैल में एटमॉस्फियर में कार्बन डाइऑक्साइड 410.31 पार्ट्स प्रति मिलियन पहुंच गया। एटमॉस्फियर में कार्बन का यह रूप इतिहास में पहली बार देखा जा रहा है।
टेक्सास यूनिवर्सिटी के क्लाइमेट साइंटिस्ट ने इस रिपोर्ट के बाद लिखा, 'एक वैज्ञानिक के रूप में मेरे लिए यह चिंता की बात नहीं है कि हमने एक और राउंड-नंबर क्रॉस कर दिया है, लेकिन यह लगातार बढ़ रहा है, जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाला है। हम पृथ्वी के साथ लगातार और तेजी के साथ एक्सपेरिमेंट करते जा रहे हैं, जो हमारा एकमात्र घर है।'
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने कहा है कि कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसे गैसों में वृद्धि जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा दे रही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए ग्रह को अधिक खतरनाक और अप्रचलित बना रही है।
कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों की बढ़ती मात्रा पृथ्वी के प्राकृतिक "ग्रीन हाउस प्रभाव" को बढ़ा रही है। सन् 1800 में इंडस्ट्रियल रिवोल्युशन आया, तब बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जित होना शुरू हुई और कार्बन डाइऑक्साइड 280 पार्ट्स प्रति मिलियन था।