638 तरीकों से फिदेल कास्त्रो को मारने की हुई थी कोशिश, हमेशा अमेरिका हुआ नाकाम
क्यूबा की क्रांति के जनक और क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का 90 साल की उम्र में आज निधन हो गया। अपने पूरे जीवन काल में उन्होंने जिसकी नाक में सबसे ज्यादा दम किया वो अमेरिका ही था।
नई दिल्ली। क्यूबा की क्रांति के जनक और क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का 90 साल की उम्र में आज निधन हो गया। अपने पूरे जीवन काल में उन्होंने जिसकी नाक में सबसे ज्यादा दम किया वो अमेरिका ही था।
खुद गोली मारने का दिया निमंत्रण
अमेरिका भी फिदेल कास्त्रो से पीछा छुड़ाने के लिए नए-नए बहाने ढूंढता रहता था। इसके चलते अमेरिका ने फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए 638 तरीकों का इस्तेमाल किया। पर अमेरिका इसमें एक बार भी सफल नहीं हो पाया। फिदेल कास्त्रो ने इन्हीं रास्तों के बीच जिंदगी जी और क्यूबा क्रांति को कर दिखाया। फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए अमेरिका ने क्या-क्या नहीं किया। जब अमेरिका उनको मारने में असफल रहा तो एक बार खुद ही फिदेल कास्त्रो ने अमेरिका को खुद को गोली मारने का निमंत्रण दे डाला। जहर की गोलियां, टॉक्सिस सिगार सब कुछ अमेरिका ने अपनाएं पर कुछ भी नहीं कर पाया।
क्यूबा के ही खुफिया एजेंसी के चीफ ने अपनाया खतरनाक तरीका
चैनल 4 ने फिदेल कास्त्रो के ऊपर ऐ डॉक्यूमेंट्री बनाई थी जिसका नाम उसने 638 तरीके फिदेल कास्त्रो को मारने के रखा था। ठीक इसी नाम से एक किताब भी लिखी गई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि क्यूबा की खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने ही कई बार फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए प्लॉट रचा था। इनके सिगार के जरिए ब्लास्ट कर इनको मारने की कोशिश की गई थी। कहा जाता है कि यह सबसे ज्यादा खतरनाक तरीका फिदेल कास्त्रो को मारने का था। पर इसमें भी अमेरिका सफल नहीं हो पाया था।
पानी के अंदर फिदेल को मारने की कोशिश
पानी के अंदर तैरते समय फिदेल कास्त्रो को कैसे मारा जा सके। इसके लिए भी अमेरिका ने खूब प्रयास किए थे। बिल क्लिंटन प्रशासन ने इस बारे में डॉक्यूमेंट भी जारी किए थे। फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए पानी के अंदर ही तैरते समय उनको संक्रमित करने की योजना बनाई गई थी। जिससे इनको स्किन से संबंधित परेशानी हो सकती थी। ऐसी योजना भी अमेरिका ने बनाई थी।
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अमेरिका ने खुफिया एजेंट को पेरिस भेजा
फिदेल कास्त्रो को मारने की कोशिश अमेरिका ने वर्ष 1959 में क्यूबा की क्रांति के बाद शुरू कर दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन कैनेडी की मौत के बाद एक खुफिया एजेंट को पेन सिरींज के जरिए फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए पेरिस भेजा गया था पर वो एजेंट इस मिशन में नाकाम रहा है।
पूर्व प्रेमिका का लिया अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने सहारा
फिदेल कास्त्रो पर डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले पीटर मूरे ने मुताबिक फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए उनकी पूर्व प्रेमिका तक का सहारा लिया गया। फिदेल कास्त्रो की पूर्व प्रेमिका ने अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआईए की तरफ से दी गई जहर की गोलियां फिदेल कास्त्रो को देने की कोशिश की थीं। उन महिला के मुताबिक फिदेल कास्त्रो को इस बात का अंदाजा खुद ही हो गया था और उन्होंने खुद अपनी बंदूक निकाल कर अपनी प्रेमिका को दे दी। इस पर महिला ने फिदेल कास्त्रो से कहा कि मैं यह नहीं कर सकती।
क्यूबा का क्रांतिकारी, एक था फिदेल कास्त्रो
विस्फोट कर मारने की थी साजिश
वर्ष 2000 में फिदेल कास्त्रो अपनी पनामा की यात्रा पर गए हुए थे। इस दौरान भी उन्हें मारने की कोशिश की गई थी। फिदेल कास्त्रो को जिस पोडियम से लोगों को संबोधित करना था। उसी के नीचे 90 किलो विस्फोटक छुपाकर रखा गया था। बाद में फिदेल कास्त्रो की सुरक्षा में लगे जवानों ने जब उस जगह हो चेक किया तो उन्होंने इस साजिश का पर्दाफाश किया। इसके लिए सीआईए टीम की ऑपेरटिव लुईस पोसादा को गिरफ्तार किया गया था। पर बाद में उन्हें जेल से छोड़ दिया गया।
फिदेल ने क्यों सिगार पीना छोड़ा
अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने वो सारे तरीके अपनाएं जो अमेरिका के माफियाओं से लेकर जेम्स बांड की फिल्मों तक में अपनाएं गए। सीआईए ने यहां तक अंडरवर्ल्ड के लोगों से संपर्क कर फिदेल कास्त्रो को मारने की कोशिश की थी। एक बार हवाना के एक यूनिवर्सिटी में एक स्नाइपर को पकड़ा गया जो फिदेल को मारने के लिए तैनात किया गया था। शूटर्स कभी भी इस मामले में इतना कामयाब नहीं हो पाए जितना कि जहर देने वाले और बॉम्बर्स फिदेल कास्त्रो को मारने के करीब पहुंच गए थे।
बाद में अमेरिका ने फिदेल कास्त्रो को मारने के बारे में सोचना ही बंद कर दिया। पर क्यूबा के सुरक्षा बलों ने इसके बाद भी फिदेल की सुरक्षा को लेकर कोई कमी नहीं की। फिदेल कास्त्रो को भेजे जाने वाले हर गिफ्ट की बारीकी से जांच की जाती रही। क्योंकि फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने कई बार सिगार का प्रयोग किया था। इस सिगार में अमेरिकी खुफिया एजेंसी बोटुलनियम टॉक्सिन डाल देती थी। हर बार यह ऐसा फिदेल कास्त्रो के पसंदीदा सिगार में किया जाता था। बाद में फिदेल कास्त्रो में वर्ष 1985 में सिगार पीना छोड़ दिया।
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