
वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार देने जा रहा यह देश, अब जीवन भर कर सकते हैं घर से काम
एम्सटर्डम, 24 जूनः कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन ने दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन तेजी से बढ़ाया। हालांकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी कुछ कंपनियों और उनके कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम कल्चर इतना पसंद आया कि उन्होंने ऑफिस से काम करने के लिए तौबा कर लिया है। इसी वर्किंग कल्चर को अपनाते हुए नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार देने की योजना पर काम चल रहा है।
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दो सांसदों ने रखा प्रस्ताव
वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने के लिए नीदलैंड के दो सांसदों ने एक कानून का प्रस्ताव रखा है। नीदरलैंड में स्टीवन वैन और सेना माटौग ऐसे दो सांसद हैं डो संसद में इस कानून को पेश करने वाले हैं। दोनों नेता 3 जुलाई को ग्रीष्म अवकाश के लिए सदन में जाने से पहले प्रस्ताव पेश करेंगे।

नीदरलैंड बनेगा दुनिया का पहला देश
यदि यह कानून पारित हो जाता है, तो ये ऐसा कानून बनाने वाला दुनिया का पहला देश हो जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि नीदरलैंड द्वारा इस संबंध में कानून बनाने के बाद कई देशों में उद्योगों के लिए रिमोर्ट वर्क के कल्चर को अनुमति देने पर तेजी से काम होगा।

सभी का मिला समर्थन
डी-66 पार्टी के सांसद वेनबर्ग ने कहा कि हमारे पास इस कानून के लिए हरी बत्ती है। हमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही ओर से समर्थन मिल रहा है। हम इसके लिए उनके आभारी हैं। सब कुछ ठीक रहा तो यह गर्मियों से पहले ही पास हो जाएगा।

कई देशों में पड़ेगा प्रभाव
इस महीने की शुरुआत में, टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने कंपनी के कर्मचारियों को कार्यालय लौटने या छोड़ने के लिए एक अल्टीमेटम जारी किया था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि नीदरलैंड सरकार का यह फैसला बाकी देशों पर क्या असर डालता है।

शिफ्ट खत्म होने के बाद काम नहीं
इससे पहले पुर्तगाल की संसद ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक कानून पारित किया था, जिसमें कर्मचारी की शिफ्ट खत्म होने के बाद कोई कंपनी उसे कॉल या मैसेज नहीं कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो उस कंपनी पर जुर्माने का प्रावधान है। बतादें कि दुनियाभर में कई ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने परमानेंट वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया है।
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