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ड्रोन से जेट तक, चीन का दुनिया के सामने शक्ति प्रदर्शन, एयरशो में लॉंच किया तबाही मचाने वाला J-16D

दुनिया के कई शक्तिशाली देशों को अपना दुश्मन बना चका चीन लगातार हथियारों के दम पर डराने की कोशिश में लगा रहता है। वहीं, इस बार उसने हाई-टेक्नोलजी ड्रोन लॉंच किया है, जिसे वो बेचना चाहता है।

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बीजिंग, सितंबर 28: ज्यादातर देशों को दुश्मन बना चुके चीन ने दुनिया के सामने अपनी वायुशक्ति का प्रदर्शन किया है। चीन ने दावा किया है कि उससे अपने देश में सबसे बड़े एयरशो का आयोजन किया है, जिसमें उसने अद्भुत क्षमता वाले ड्रोन और जेट्स का प्रदर्शन किया है। ताइवान और अमेरिका से चल रहे भारी विवाद के बीच चीन ने कई विध्वंसक जहाजों की प्रदर्शनी भी लगाई है।

चीन का सबसे बड़ा एयरशो

चीन का सबसे बड़ा एयरशो

चीन ने मंगलवार को ताइवान से दक्षिण चीन सागर तक विवादित क्षेत्रों और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ प्रतिद्वंद्विता पर नजर रखने के साथ शत्रुतापूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जाम करने में सक्षम निगरानी ड्रोन और जेट के साथ वायुशक्ति का प्रदर्शन किया है। चीन ने अपने देश का सबसे बड़ा एयरशो दक्षिणी तटीय शहर झुहाई में किया है। दरअसल, चीन के राष्ट्रपति ने 2035 तक चीन की सेना, जिसे पीएलए कहा जाता है, उसे दुनिया की सबसे मजबूत सेना बनाने का संकल्प लिया हुआ है, लिहाजा चीन अपने हथियारों के जखीरे में तेजी से इजाफा कर रहा। इसी साल की शुरूआत में अमेरिकी डिफेस फोर्स ने कबूल कर लिया था कि चीन की नेवी, विश्व की सबसे बड़ी नेवी बन चुकी है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा था कि चीन की सेना आधुनिक युद्ध के लिए तैयार हो रही है।

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अमेरिका को पीछा छोड़ने की कोशिश

अमेरिका को पीछा छोड़ने की कोशिश

चीन अभी भी अपनी युद्ध मशीन में तकनीक और निवेश के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका से पीछे है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चीन तेजी से इस अंतर को कम कर रहा है। इस साल एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने चीन के बढ़ते प्रभाव को अमेरिका के सबसे बड़े खतरों में से एक के रूप में चिह्नित किया। मंगलवार को चीन ने जिस एयरशो का आयोजन किया था, उसमें उसने सटीक हमलों को अंजाम देने वाले एक सर्विलांस ड्रोन का एक प्रोटोटाइप सीएच-6 का अनावरण किया है। चीन का कहना है कि ये ड्रोन उसने अपने ही देश में निर्माण किया है। ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एजेंसी 'जेन्स' के अनुसार 20.5 मीटर (67 फीट) और 15.8 मीटर लंबे पंखों के साथ ये ड्रोन मिसाइलों को भी ले जाने में सक्षम है। इस ड्रोन को निगरानी के साथ साथ हमला करने के लिए भी डिजाइन किया गया है।

हर गश्त के लिए अलग अलग ड्रोन

हर गश्त के लिए अलग अलग ड्रोन

चीन ने जिन ड्रोन्स का प्रदर्शन किया है, उससे चीन की शक्ति के बारे में कई जानकारियां मिलती हैं। सबसे खास बात ये है कि चीन ने हर सैन्य काम के लिए अलग अलग तरह का ड्रोन तैयार किया है। यानि, समुद्री गश्त के लिए चीन ने डब्ल्यूजेड-7 तैयार किया है, जो काफी ऊंचाई से भी उड़ान भरने में सक्षम है। इसके साथ ही चीन ने जे-16डी फाइटर जेट का भी पहली बार दुनिया के सामने प्रदर्शनी लगाई है। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, फाइटर जेट जे-16डी की ऑफिसियल एंट्री चीन की सेना में एयरशो के साथ ही हो गई है। वहीं, चीन के सैन्य जानकार सोंग झोंगपिंग ने एएफपी को बताया कि, "वे ताइवान जलडमरूमध्य और दक्षिण चीन सागर दोनों में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे।"

युद्ध की तैयारी करता ड्रैगन

युद्ध की तैयारी करता ड्रैगन

चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, जहां उसका मलेशिया, ताइवान, इंडोनेशिया और ब्रूनेई जैसे देशों के साथ काफी विवाद चल रहा है। बीजिंग का कहना है कि ताइवान का स्व-शासित द्वीप उसके क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है। ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एजेंसी जेन्स के विश्लेषक केल्विन वोंग ने कहा कि चीन ने एयरशो के जरिए ये संदेश भी अपने सहयोगी देशों को देने की कोशिश की है, कि वो काफी हाई टेक्नोलॉजी का ड्रोन बना चुका है और अब उन ड्रोन को बेचने के लिए वो तैयार है। निश्चित तौर पर चीन ड्रोन को बेचने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देश कुछ बेहद करीबी देशों को छोड़कर किसी दूसरे देश को ऐसे ड्रोन नहीं देना चाहते हैं, लेकिन चीन तो इससे कोई परहेज नहीं है, लिहाजा दुनिया के कई न्यूट्रल देश चीन से ऐसे ड्रोन खरीद सकते हैं। पहले से ही चीन अपने ड्रोन मध्य पूर्व के देशों को बेचता आया है।

खतरनाक जे-16डी जेट का प्रदर्शन

खतरनाक जे-16डी जेट का प्रदर्शन

उन्नत किस्म के ड्रोन के साथ ही चीन ने जे-16डी फाइटर जेट का भी प्रदर्शन किया है और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की युद्ध क्षमताओं में "समग्र सुधार" करने का दावा किया है। सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के एक चीनी सैन्य विशेषज्ञ जेम्स चार ने कहा कि, "यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण विकास है क्योंकि यह चीनी सेना को महत्वपूर्ण हवाई रक्षा क्षमताओं वाले लक्ष्यों पर हवाई इलेक्ट्रॉनिक युद्ध करने के मामले में एक फायदा देता है।" पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शासनकाल में अमेरिका ने ताइवान को करीब 18 बिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री करने की बात कही थी, जिनमें उन्नत मिसाइल प्लेटफॉर्म शामिल हैं, और बताया जा रहा है कि उससे चीन काफी नाराज है और वो ताइवान के उन हथियारों को रोकने की तैयारी कर रहा है।

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English summary
China has demonstrated everything from drones to destroyer fighter jets to the world in its biggest airshow.
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