ड्रैगन रुक नहीं रहा है, अब हिंद महासागर में पनडुब्बियों को उतारने की तैयारी कर रहा है चीन
नई दिल्ली। कोरोनावायरस संकट के बीच चीन की विस्तारवादी नीतियां निर्बाध गति से आगे बढ़ रही हैं। इसका ताजा उदाहरण पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर समझा जा सकता है। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर में चीन दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के सामुद्रिक और भौगोलिक सीमाओं पर विवाद खड़े करके अतिक्रमण करता आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन अब ऐसा अगला कदम उठा सकता है, जिससे दुनिया के कई देश चिंतित हो जाएंगे।
दरअसल, फोर्ब्स में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में चीन हिंद महासागर की ओर रुख कर सकता है और अगर चीन हिंद महासागर की ओर अपनी पनडुब्बियों का रुख मोड़ता है तो फिर इसका व्यापक रणनीतिक प्रभाव पड़ सकता है। चीन की ओर से देखें तो हिंद महासागर में अपनी पनडुब्बियों की तैनाती से युद्ध के समय में उसे मदद मिलेगी। हालांकि अभी साउथ-एशिया क्षेत्र में सबसे ज्यादा पनडुब्बियां भारत के पास हैं।
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वहीं, चीन की नौसेना का विस्तार दुनिया के लिए चिंता का सबब है। इसके चलते बीते दिन अमेरिका ने भी एशिया में अपने सैनिकों की तैनाती करने का ऐलान किया था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीनी कम्युनिष्ट पार्टी को भारत समेत एशिया के अन्य देशों के लिए खतरा बताते हुए कहा था, 'हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना, जिसमें उनकी नौसेना भी शामिल है) को काउंटर करें।
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हालांकि इस समय चीन का सबसे ज्यादा ध्यान साउथ चाइना सी पर है, जहां पर बीजिंग ने सीमा को लेकर कई दावे किए हैं। इस समय वह हिंद महासागर पर कम फोकस है, लेकिन भारत के लिए यह खतरा बहुत वास्तविक है। चीनी पनडुब्बियों ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान और श्रीलंका में पोर्ट कॉल का भुगतान किया है।
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माना जा रहा है कि पीस टाइम के समय चीनी पनडुब्बियां स्ट्रेट ऑफ मलक्का के जरिए से हिंद महासागर में प्रवेश कर सकती हैं। चीन अभी भी संदेश जारी करने के लिए ऐसा कर सकता है, लेकिन यह सीमित उपयोगिता है, जहां पनडुब्बी अपनी उपस्थिति को छिपाना चाहेंगी।
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वहीं, युद्ध के दौरान, चीनी पनडुब्बियां सुंडा स्ट्रेट या लोम्बोक स्ट्रेट से आ सकती हैं। ये इंडोनेशियाई श्रृंखला के बीच से गुजरते हैं जो प्रशांत और हिंद महासागर को अलग करते हैं। सिंगापुर से सटे मलक्का स्ट्रेट से यह फायदा है कि इससे पनडुब्बियां पूर्वी महासागर के गहरे पानी में पहुंच सकती हैं। इसके बाद वहां से वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकती हैं।
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