अमेरिका में नहीं रुक रहा बवाल, राष्ट्रपति ट्रंप ने दी मिलिट्री तैनात करने की धमकी
वॉशिंगटन। अमेरिका में इस समय बड़े पैमाने पर अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के व्यक्ति 45 साल के जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों के बीच ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर राज्य और शहर प्रदर्शनकारियों को काबू नहीं कर सके तो फिर वह मिलिट्री की तैनाती के आदेश दे सकते हैं। 25 मई को जॉर्ज की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी और इसके बाद से ही देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। कुछ प्रदर्शनकारी तो राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास व्हाइट हाउस तक पहुंच गए।
Recommended Video
यह भी पढ़ें-ट्रंप की पोस्ट से बॉस जुकरबर्ग से नाराज हुए फेसबुक इंप्लॉयीज
विद्रोह अधिनियम पर विचार कर रहे ट्रंप!
अमेरिकी राष्ट्रपति सोमवार को व्हाइट हाउस में मीडिया से मुखातिब थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैं सभी प्रशासनिक और स्थानीय मंत्र, असैन्य और सैन्य को भेज रहा हूं ताकि कानून मानने वाले अमेरिकी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।' इसके बाद उन्होंने आगे कहा, 'मैं आज हर गर्वनर को यह सलाह देता हूं कि वह जरूरी संख्या में नेशनल गार्ड की तैनाती करें ताकि गलियों को काबू किया जा सके। मेयरों और गर्वनर्स को एक भारी संख्या तय करनी होगी जब तक हिंसा शांत नहीं हो जाती है। अगर किसी राज्य ने जरूरी कार्रवाई करने से मना किया तो फिर अमेरिकी मिलिट्री को तैनाती कर दिया जाएगा ताकि समस्या को जल्द सुलझाया जा सके।' हालांकि ट्रंप विद्रोह अधिनियम 1807 को लागू करने से रुक गए। इस कानून के तहत ट्रंप को यूएस ट्रूप्स को तुरंत तैनात करने में मदद मिलेगी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'इस समय राष्ट्रपति ने इस कानून को लागू नहीं किया है।
सिर्फ 20 डॉलर के लिए चली गई जॉर्ज की जान
मिनेसोटा में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिस ने सिर्फ 20 डॉलर के जाली नोट चलाने के आरोप में पकड़ लिया था। एक पुलिस ऑफिसर ने उसे जमीन पर गिराकर उसकी गर्दन को पांव से तब तक दबाए रखा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। घटना के बाद से ही अमेरिका में भारी गुस्सा है। ना सिर्फ अश्वेत समुदाय के लोग बल्कि श्वेत भी इसे लेकर सड़कों पर हैं। अमेरिका के सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। व्हाइट हाउस के बाहर भी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे।