डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक नहीं, अमेरिकी सीनेट में 56-44 से फैसला, जानिए आगे क्या होगा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक नहीं है। अमेरिकी सीनेट में इस बात पर फैसला हो गया है।
वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक नहीं है। अमेरिकी सीनेट में इस बात पर फैसला हो गया है। दरअसल, मंगलवार को सीनेट में बहस के दौरान इस बात पर फैसला लिया जाना था कि राष्ट्रपति पद से हट जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाना संवैधानिक है या नहीं। 4 घंटे की बहस के बाद सीनेट के सदम्यों ने मतदान प्रक्रिया में भाग लिया। और फिर 56-44 के बहुमत से फैसला लिया गया कि पद से हटने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाना असंवैधानिक नहीं है। सीनेट के सदस्यों ने महाभियोग के संवैधानिक होने के समर्थन में विश्व के अलग अलग देशों के संविधान, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों के साथ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जजों के बयानों का हवाला दिया।
अब होगी महाभियोग पर बहस
अब अमेरिकी सीनेट में इस बात पर फैसला हो चुका है कि डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक नहीं तो अब उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की जाएगी। अब डोनाल्ड ट्रंप के बचाव पक्ष और महाभियोग का समर्थन करने वाले पक्ष...दोनों पक्षों के पास 16-16 घंटे का वक्त...पक्ष और विपक्ष में अपनी अपनी बात रखने के लिए होगा। दोनों पक्षों की दलील के बाद अमेरिकी सीनेट में फिर से मतदान प्रक्रिया चलेगी, जिसमें तय किया जाएगा कि डोनाल्ड ट्रंप दोषी हैं या नहीं हैं। अगर डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में प्रस्ताव पेश हो जाता है तो फिर डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सिविल कोर्ट में कैपिटल हिल पर दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा और इनके बीच डोनाल्ड ट्रंप को जेल भी भेजा जा सकता है। इनके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप फिर कभी किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।
सीनेट में बहस के दौरान क्या हुआ
अमेरिकी
सीनेट
में
डोनाल्ड
ट्रंप
के
खिलाफ
क्यों
मुकदमा
चलाया
जाए
और
उन्हें
क्यों
दोषी
ठहराया
जाए
इस
बात
पर
डेमोक्रेट्स
और
रिपब्लिकन्स
की
तरफ
से
अपनी
अपनी
बात
रखी
गई।
डेमोक्रेट्स
ने
कैपिटल
हिल
हिंसा
के
वीडियो
फूटेज
फिर
से
सीनेट
के
सामने
दिखाया
और
पूछा
कि
देश
की
संविधान
के
खिलाफ
जंग
का
एलान
करना
अगर
महाभियोग
की
कार्रवाई
में
नहीं
आएगा
तो
फिर
कौन
सा
गुनाह
इस
कैटोगिरी
में
आएगा।
हाफस
इंपीचमेंट
मैनेजर
ने
सीनेट
में
डोनाल्ड
ट्रंप
को
दोषी
ठहराए
जाने
के
पक्ष
में
बोलते
हुए
कहा
कि
डोनाल्ड
ट्रंप
ने
चुनावी
कैम्पेन
के
दौरान
कई
ऐसे
झूठ
बोले
जिनकी
वजह
से
उनके
समर्थकों
के
बीच
अमेरिकी
संविधान
को
लेकर
गलत
मैसेज
गया।
साथ
6
जनवरी
को
कैपिटल
हिल
हिंसा
के
पीछे
डोनाल्ड
ट्रंप
के
उकसाने
वाले
बयान
ही
शामिल
हैं।
वहीं,
सीनेट
में
डोनाल्ड
ट्रंप
के
वकीलों
ने
उनका
पक्ष
रखते
हुए
कहा
कि
डोनाल्ड
ट्रंप
राष्ट्रपति
पद
से
हट
चुके
हैं
लिहाजा
उनके
खिलाफ
महाभियोग
नहीं
चलाया
जा
सकता
है।
हालांकि,
डोनाल्ड
ट्रंप
के
वकीलों
की
इस
दलील
का
विरोध
खुद
उनकी
ही
पार्टी
के
कई
सांसदों
ने
कर
दिया।
बच जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप!
अमेरिकी सीनेट में डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भले ही 56-44 से पास हो गया हो लेकिन इस बात की उम्मीद कम है कि डोनाल्ड ट्रंप दोषी ठहराए जाएंगे। अभी तक डोनाल्ड ट्रंप की विरोधी पार्टी डेमोक्रेट्स इस उम्मीद में थी कि डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बने माहौल का वो फायदा उठाते हुए उन्हें महाभियोग के दौरान दोषी ठहराने में कामयाब हो जाएगी मगर डेमोक्रेट्स की उम्मीदों को झटका लग सकता है। मंगलवार को सिर्फ 6 रिपब्लिकन सीनेटर्स ने ही डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में वोट डाला जबकि डोनाल्ड ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के लिए कम से कम 17 रिपब्लिकन सीनेटर्स का साथ डेमोक्रेट्स को चाहिए
मंगलवार को वोटिंग के बाद इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि और 11 रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जा सकते हैं। यानि, महाभियोग की कार्यवाही के दौरान डोनाल्ड ट्रंप बचकर निकल सकते हैं। अमेरिकी संविधान के मुताबिक सीनेट में किसी में वोटिंग के बाद किसी को महाभियोग का दोषी तभी ठहराया जा सकता है जब उसके खिलाफ दो तिहाई वोट पड़े हों। इस वक्त अमेरिकन सीनेट में 50 वोट रिपब्लिकन तो 50 वोट डेमोक्रेट्स के पास हैं। लिहाजा डोनाल्ड ट्रंप के बचने की उम्मीद सबसे ज्यादा है।
डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों की दलील
सीनेट के सामने डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने उनके समर्थन में कई दलील दिए। डोनाल्ड ट्रंप के वकील ब्रूस कास्टर (Bruce Castor) ने उनका पक्ष रखते हुए कहा कि 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर जो भी हुआ वो बेहद खतरनाक था जिसके खिलाफ खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं, लेकिन इससे ये साबित नहीं होता है कि डोनाल्ड ट्रंप उसके पीछे जिम्मेदार थे। डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने दलील दी है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कैपिटल हिल हिंसा से पहले दिए गये अपने भाषण में अपने समर्थकों को हिंसा करने के लिए नहीं भड़काया है। सीनेट के सामने ट्रंप के वकीलों ने पक्ष रखते हुए कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के भाषण से डेमोक्रेटिक सांसदों ने सिर्फ उन्हीं हिस्सों को काटकर अलग रखा है जो उनके पक्ष में है जबकि सीनेट के सामने डोनाल्ड ट्रंप के पूरे भाषण को सुनाया जाना चाहिए। वकीलों की दलील है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान कई बार अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण और देशभक्त तरीके से अपनी आवाज उठाने के लिए कहा है, जो किसी भी हालत में दंगे को भड़काना नहीं है।