डोनाल्ड ट्रंप बोले- चीन ने अमेरिका को कुछ नहीं दिया, अब नहीं चाहता मैं दोबारा राष्ट्रपति बनूं
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बार फिर चीन पर हमला बोला है। इस बार ट्रंप ने कहा है कि चीन उन्हें दोबारा राष्ट्रपति पद पर चुने जाते हुए नहीं देखना चाहता है। अमेरिका में इस वर्ष राष्ट्रपति चुनाव होने हैं मगर उससे पहले कोरोना वायरस महामारी ने बड़ा संकट पैदा कर दिया है। ट्रंप के मुताबिक चीन उसे दोबारा राष्ट्रपति बनते हुए नहीं देखना चाहता है क्योंकि उनकी वजह से कई अरब डॉलर का इंपोर्ट टैरिफ बीजिंग को अदा करना पड़ता है।
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ओबामा के कार्यकाल में जमकर लूटा अमेरिका को
ट्रंप व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में मीडिया से बात कर रहे थे और यहीं पर वह चीन पर जमकर बरसे। ट्रंप की मानें तो चीन चाहता है पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बिडेन नवंबर में अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुने जाएं। बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने की तरफ बढ़ रहे हैं। ट्रंप के शब्दों में, 'चीन नहीं चाहता है कि मैं चुनाव जीत पाउं और इसकी वजह है कि हमें उनसे हर माह कई बिलियन डॉलर मिल रहे हैं।' ट्रंप का इशारा उस इंपोर्ट टैरिफ की तरफ था जो चीनी उत्पादों पर लगाया गया है। उन्होंने आगे कहा, 'चीन ने हमारे देश को कभी कुछ नहीं दिया। आठ वर्षों तक बिडेन चीन के इंचार्ज रहे और वह हमारे देश को लूटते रहे। बिडेन और बराक ओबामा के ऑफिस में होने पर कई वर्षों तक गलत तरीके से काम चलता रहा।' ट्रंप के मुताबिक ये सारे मुद्दे अपनी जगह हैं मगर यह वायरस किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।
WHO को बताया चीन की पीआर एजेंसी
चीन के अलावा ट्रंप ने फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को भी जमकर फटकार लगाई है। ट्रंप ने कहा है कि डब्लूएचओ ने खुद को चीन की जनसंपर्क एजेंसी (पीआर एजेंसी) के तौर पर साबित कर दिया है और उसे इस बात पर शर्म आनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन की तरफ से पहले ही डब्लूएचओ के खिलाफ कोरोना वायरस महामारी को लेकर जांच शुरू की जा चुकी है। ट्रंप से अलग अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने भी कहा है कि डब्लूएचओ ने महामारी पर दुनिया को धोखे में रखा है। ट्रंप बुधवार को कह चुके हैं कि डब्लूएचओ, चीन का राजदार है। अमेरिका इस संगठन के लिए अपने प्रस्ताव लेकर आएगा और साथ ही चीन पर भी एक प्रस्ताव होगा।