ट्रंप की कार में होता है एक फ्रिज, साथ में चलता है उनके ब्लड ग्रुप का खून
अहमदाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 और 25 फरवरी को दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप का यह पहला भारत दौरा। उनका पहला पड़ाव गुजरात का अहमदाबाद है और यहां पर वह मोटेरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप की कार प्रेसीडेंशियल लिमोजिन जिसे 'बीस्ट' कहते हैं, भारत आ चुकी है। आप ने शायद ही कभी सुना हो कि कार में खून का एक फ्रिज भी सफर करता है। राष्ट्रपति ट्रंप जिस कार में सफर करते हैं उसमें उनके ब्लड टाइप का एक फ्रिज भी मौजूद होता है। यह खास उपाय किसी भी इमरजेंसी हालात के लिए किया गया है।
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ऑक्सीजन से लेकर ब्लड सप्लाई तक
राष्ट्रपति ट्रंप जब किसी दौरे पर जाते हैं तो उनसे पहले उनकी कार उस देश में पहुंच जाती है। इस कार के साथ सीक्रेट सर्विस एजेंट्स भी मौजूद होते हैं। ट्रंप इस समय जिस कार को प्रयोग कर रहे हैं उसमें साल 2018 में कुछ बदलाव किए गए थे। कैडेलियक XT6 सीडान कार की कीमत करीब 16 मिलियन डॉलर है। इस कार में कई ऐसी मेडिकल सप्लाई की चेन है जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा। कार में एक रेफ्रिजरेटर है जिसमें राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाला खून रहता है। जनरल मोटर्स की शेवरले कोडियाक कार बहुत भारी कार है। ब्लड टाइप वाले रेफ्रिजरेटर के अलावा अलावा इसमें ऑक्सीजन सप्लाई के लिए भी पूरे इंतजाम रहते हैं।
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कार से लॉन्च हो सकते हैं परमाणु हथियार
ट्रंप की कार पर किसी भी बायोकेमिकल हमले का भी असर नहीं होगा। गाड़ी कई तरह की कम्यूनिकेशंस डिवाइस से भी लैस है। राष्ट्रपति इसी कार में बैठे-बैठे परमाण हथियारों को लॉन्च करने वाले कोड्स का प्रयोग कर सकते हैं। नाइट विजन और पंप एक्शन शॉट गन बीस्ट में खास तौर पर डिजाइन किए गए नाइट विजन कैमरा और पंप एक्शन शॉटगन हमेशा सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के पास रहती है।इस कार के टायर इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि अगर यह ब्लास्ट भी हो जाएं तो भी कार सुरक्षित तरीके से निकल सकती है।इस गाड़ी की चेसिस रिइंफोर्स्ड स्टील प्लेट से लैस है। यानी अगर कार पर रॉकेट या फिर ग्रेनेड से अटैक किया भी गया तो भी उसका कोई असर इस पर नहीं होगा।
मिलिट्री सैटेलाइट से कनेक्ट
बीस्ट बीस्ट का निकनेम रोडरनर है और इस रोलिंग कम्यूनिकेशन ऑफिस भी कहा जाता है। यह कार सीधे मिलिट्री सैटेलाइट से कनेक्ट होती है। बीस्ट में आठ इंच मोटी आर्मर प्लेटिंग लगी हुई है और इसके दरवाजों को वजन बोइंग 757 एयरक्राफ्ट के दरवाजों के जितना ही है। पांच इंच की मोटी बुलेटप्रूफ लेयर इसकी विंडो पर है। यानी किसी भी तरह से कोई बुलेट शॉट ट्रंप का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इसमें हथियार कौन से हैं, इस बारे में तो कोई जानकारी नहीं है मगर ड्राइवर के पास एक शॉटगन हमेशा रहती है। इस गाड़ी के फ्यूल टैंक आर्मर प्लेट से फिट किया गया है और साथ ही इसमें स्पेशल तरीके से डिजाइन फोम भी लगाई गई है। इसकी वजह से कार पर डायरेक्ट अटैक होने के बाद भी फ्यूल टैंक पर कोई असर नहीं होगा और इसकी वजह से यह ब्लास्ट नहीं हो सकता।
इसके बिना नहीं चल सकते हैं ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप को बीस्ट के अलावा किसी और दूसरी कार में सफर करने की जरा भी इजाजत नहीं है। वह जब कभी भी किसी दूसरे देश के दौरे पर जाते हैं तो सिर्फ इसी कार से ही सफर कर सकते हैं। साधारण लोगों के लिए इसका नाम बीस्ट है मगर सीक्रेट सर्विस एजेंट्स इसे 'स्टेजकोच' के तौर पर संबोधित करते हैं। बीस्ट को अमेरिका से दूसरे देशों में ट्रांसपोर्ट करने के लिए सीक्रेट सर्विस एजेंट्स सी-17 ग्लोबमास्टर का प्रयोग करते हैं। सी-17 को दुनिया का सबसे भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट माना जाता है। इस कार को ड्राइव करने के लिए ड्राइवर सीक्रेट सर्विस एजेंट ही होता है। कार को ड्राइव करने से पहले उसे कई तरह के टेस्ट से गुजरना पड़ता है।