'नॉर्थ कोरिया के बाद अब ईरान के साथ ट्रंप ने अमेरिका को युद्ध को ओर धकेला'
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक विवादास्पद निर्णय लेते हुए ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को प्रमाणित करने से मना कर दिया। ट्रंप के इस निर्णय से ना सिर्फ ईरान के साथ नया विवाद खड़ा कर दिया बल्कि रूस, जर्मनी, यूके और फ्रांस जैसे सुपरपावर देश भी अमेरिका का विरोध कर रहे हैं। इस बीच यूएस के रिटायर्ड आर्मी जनरल ने कहा है कि ट्रंप के इस सख्त कदम के बाद अमेरिका ने दो न्यूक्लियर पावर देशों के साथ लड़ाई करने का मन बना लिया है।
पूर्व मेजर जनरल पॉउल एटन ने चेतावनी देते हुए कहा कि ट्रंप के इस निर्णय के बाद ना सिर्फ मिडिल ईस्ट में एक नया संकट पैदा हो जाएगा, लेकिन नॉर्थ कोरिया के साथ जो पहले से ही गतिरोध चल रहा है, वो और भी तेज हो जाएगा। जनरल ने कांग्रेस से ईरान न्यूक्लियर डील को खत्म नहीं करने के लिए आग्रह किया है। मेजर जनरल पॉउल एटॉन ने 2003 में इराक आर्मी के ट्रेनिंग दी थी, जब अमेरिकी मिलिट्री ने वहां चढाई की थी।
जनरल पॉउल एटन के अनुसार, यह निर्णय इराक में 16 साल से चली आ रही अमेरिकी लड़ाई को और ज्यादा जटिल कर देगा। एटन ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को ईरान के साथ युद्ध की ओर धकेल दिया है, जब पहले ही वे नॉर्थ कोरिया के साथ युद्ध का ऐलान कर चुके हैं। वो भी तब, जब हम सब अफगानिस्तान में लड़ाई लड़ रहे हैं'।
ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को प्रमाणित ना कर अमेरिका को अपने मित्र देशों से भी विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह एकतरफा इस डील को खत्म नहीं कर सकते। इन देशों के अनुसार, ईरान के परमाणु समझौते का सम्मान किया जाना चाहिए। रूस ने इसे 'आक्रामक और धमकीपूर्ण बयानबाजी' बता अमेरिका की आलोचना की है।
डोनाल्ट ट्रंप ने ईरान को धर्मांध हुकूमत बताते हुए कहा कि इस देश को नॉर्थ कोरिया की तरह परमाणु खतरा नहीं बनने नहीं देंगे। ट्रंप के अनुसार, ईरान 'मौत, तबाही और अराजकता' फैला रहा है। ट्रंप के इस सख्त रवैये के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जोरदार आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत इस डील में संशोधन नहीं कर सकती।
Iran Missile Test: उत्तर कोरिया के बाद ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप को दी चुनौती