महाभियोग का सामना करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं डोनाल्ड ट्रंप, आखिरी बार क्लिंटन हुए थे Impeached
वॉशिंगटन। बुधवार का दिन अमेरिकी राजनीति के इतिहास में एक नया दिन साबित हुआ। 18दिसंबर को डोनाल्ड ट्रंप तीसरे ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं जो महाभियोग का सामना करेंगे। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तरफ से महाभियोग पर वोटिंग की गई और ट्रंप को आधिकारिक तौर पर संविधान के तहत सत्ता के दुरुपयोग का दोषी पाया गया। यह बात भी दिलचस्प है कि किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी महाभियोग की वजह से नहीं गई है। ट्रंप को उच्च दर्जे के अपराध और खराब आचरण का दोषी बताया गया है।
पहले राष्ट्रपति थे जॉनसन
अभी तक किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति को महाभियोग की वजह से अपना ऑफिस नहीं छोड़ना पड़ा है। साल 1868 में एंड्रयू जॉनसन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने थे जिन पर महाभियोग चलाया गया था। जॉनसन को उनके सेक्रेटरी ऑफ वॉर एडविन मैक्मास्टर्स को हटाने के वजह से महाभियोग का सामना करना पड़ा था। लेकिन एंड्रयू बच गए थे क्योंकि सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था। विशेषज्ञों की मानें तो राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग एक जटिल प्रक्रिया है और इसकी वजह से सरकार की मुश्किलें कई गुना तक बढ़ जाती है। मीडिया का दबाव बढ़ता है और व्हाइट हाउस दुनिया के सामने मजाक का पात्र बन जाता है।
अफेयर की वजह से चला क्लिंटन पर महाभियोग
साल 1998 में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन को व्हाइट हाउस इंटर्न लेंविस्की के साथ अफेयर की वजह से महाभियोग का सामना करना पड़ा था। हालांकि साल 1999 में सीनेट की ओर से लगाए गए आरोपों से बरी हो गए थे। इस तरह से उनकी कुर्सी भी बच गई थी। महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही क्लिंटन कई तरह की कानूनी मुश्किलों का सामना कर रहे थे। सन् 1994 में क्लिंटन पर पाउला जोंस नामक महिला के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। जोंस ने क्लिंटन पर आरोप लगाया था कि सन् 1991 में उन्होंने एक होटल के कमरे में उनके साथ गलत बर्ताव किया था। इस मामले की जांच शुरू होती उससे पहले ही जोंस के वकीलों को क्लिंटन के लेविंस्की के साथ अफेयर के बारे में पता लगा और यहां से एक नई मुसीबत उनके गले पड़ गई।
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ट्रंप पर क्या हैं आरोप
अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति ट्रंप पर पहला आरोप है कि उन्होंने साल 2020 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी की जांच के लिए एक विदेशी सरकार की मदद ली। दूसरे आरोप के तहत उन्हें जांच में कांग्रेस के रास्त में रुकावट डालने का दोषी पाया गया है। ट्रंप पर महाभियोग के बारे में पहली बार नवंबर 2017 में जिक्र हुआ था। उस समय छह डेमोक्रेट्स राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ पांच आरोपों के आधार पर महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आए थे। इस प्रस्ताव का समर्थन करने से स्पीकर नैंसी पेलोसी ने इनकार कर दिया था। पेलोसी ने कहा था कि यह बहुत ही अपरिपक्व कदम है।
क्या होता है महाभियोग
अमेरिकी संविधान के मुताबिक प्रतिनिधि सभा में बहुमत के बाद न सिर्फ राष्ट्रपति बल्कि किसी भी असैन्य अधिकारी या फि प्रांतीय सरकार के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। महाभियोग तब लाया जाता है जब इन पर देशद्रोह, घूस या फिर उच्च श्रेणी के अपराधों में शामिल होने का शक हो। सदन की न्यायिक समिति इन आरोपों की जांच करती है और फिर अगर जरूरत होती है तो फिर रजामंदी के बाद आरोप तय किए जाते हैं। इसके बाद सदन की तरफ से इन आरोपों पर वोटिंग होती है। अगर महाभियोग के पक्ष में वोट जाते हैं तो फिर आर्टिकल्स को सीनेट को सौंप दिया जाता है।