'हमारी कोशिश है कि हम ईरान को अगला नॉर्थ कोरिया नहीं बनने दे'
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए न्यूक्लियर डील को प्रमाणित नहीं कर नॉर्थ कोरिया को कड़ा संदेश दिया है। यूएन में यूएस एंबेसडर निक्की हेली ने कहा कि इस कदम के बाद नॉर्थ कोरिया को समझना चाहिए कि इंटरनेशनल कम्युनिटी खतरनाक हथियारों पर रोक लगाना चाहती है। हाल ही में ट्रंप ने 2015 में हुई ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को प्रमाणित करने से मना कर उस संशोधन के लिए कांग्रेस के पास भेज दिया। हेली ने एक बयान में कहा कि हम ईरान को एक और नॉर्थ कोरिया नहीं बनने देना चाहते हैं।
निक्की हेली ने सोमवार को एक बयान में कहा कि नॉर्थ कोरिया के लिए यह एक संदेश है कि हम किसी भी प्रकार की खतरनाक डील को जारी नहीं रखेंगे। ईरान के न्यूक्लियर डील पर सख्त कदम उठाने पर डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना हो रही है, लेकिन निक्की हेली ने इसका समर्थन किया है।
भारतीय मूल की निक्की हेली ने कहा कि तेहरान के बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट, विदेशों में हथियारों को बेचना और आतंकवाद को हथियार पंहुचाना जैसे गतिविधियों को लेकर यूएस को विचार करना पड़ा है। हालांकि ट्रंप ने इस सौदे को खत्म नहीं किया है, लेकिन संशोधन के साथ उसके विकल्पों को खुला रखा है।
ट्रंप के इस कदम के बाद आलोचकों का कहना है कि अमेरिका अब ईरान के साथ भी नॉर्थ कोरिया जैसे हालातों का सामना करने के लिए तैयारी कर रहा है। यूके की राष्ट्रपति थेरेसा मे ने कहा कि ट्रंप को इस बहुपक्षीय सौदे का सम्मान करना चाहिए। वही, जर्मनी चांसलर ने भी ट्रंप से फोन पर बात कर इस कदम पर फिर से विचार करने को कहा है।
हेली ने यूएन में कहा, 'जो भी आप राष्ट्रपति के कदम को देख रहे है, वो ईरान को एक और नॉर्थ कोरिया बनने की कोशिशों को रोकना है'।
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