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Coronavirus: WHO और चीन पर जमकर बरसे डोनाल्‍ड ट्रंप, अब 9 अप्रैल को सुरक्षा परिषद में होगी चर्चा

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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीन और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍लूएचओ) पर दबाव बढ़ा दिया है। नौ अप्रैल को उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुररक्षा परिषद (यूएनएससी) की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में कोरोना वायरस पर चर्चा होगी। इस चर्चा में यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के मुखिया एंटोनिया गुटारेशे भी शामिल होंगे। ट्रंप ने अब साफतौर पर इस महामारी के लिए डब्‍लूएचओ का जिम्‍मेदार ठहरा दिया है। इसके साथ ही उन्‍होंने चीन को भी लपेटे में लिया है।

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चीन के समर्थन से WHO चीफ बने हैं टेडरॉस

डब्‍लूएचओ के डायरेक्‍टर जनरल टेडरॉस एडहानोम गेब्रेसियस का चुनाव इस पद पर तभी हुआ था जब चीन ने उनका समर्थन किया था। मई 2017 में पद के लिए चुने गए गेब्रेसियस ने अमेरिका के समर्थन वाले डॉक्‍टर डेविड नबारो को मात दी थी। नबारो, यूनाइटेड किंगडम की तरफ से उम्‍मीदवार थे। ट्रंप ने डब्‍लूएचओ पर मंगलवार को की गई अपनी एक ट्वीट में जमकर भड़ास निकाली है। उन्‍होंने लिखा है, 'डब्‍लूएचओ ने इस पूरी स्थिति को बिगाड़ दिया है। सबसे ज्‍यादा अमेरिका की तरफ से इसे फंड मिलता है और यह चीन पर केंद्रित है। भगवान का शुक्र है कि मैंने चीन के लिए बॉर्डर खोलने की उनकी सलाह को मानने से इनकार कर दिया था।' 17 नवंबर 2019 को चीन के वुहान में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद डब्‍लूएचओ ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया था कि यह महामारी है। 12 मार्च 2020 को जब यह वायरस चीन के बाहर यूरोप में तबाही मचाने लगा तो संगठन ने इसे महामारी घोषित किया। तब तक वायरस यूरोप के क्षेत्र में एक हजार लोगों की जान ले चुका था।

चीन बोल-महामारी, शांति और सुरक्षा पर खतरा नहीं हो सकती

यूएनएससी की कमान 31 मार्च से डोमनिकन रिपब्लिक के हाथसद में आ गई है। 10 गैर-अस्‍थायी सदस्‍यों वाले यूएनएससी ने अनौपचारिक चर्चा का समर्थन किया है। हालांकि यह साफ नहीं है कि जो प्रस्‍ताव आएगा उस पर क्‍या नतीजा आएगा। न ही इस बात की कोई स्‍पष्‍ट जानकारी है कि क्‍या चीन और इसका साथी देश रूस अपने वीटो पावर का प्रयोग करेगा या नहीं। माना जा रहा है कि यूएनएससी में वोटिंग और नतीजा पूरी तरह से रूस के रवैये पर निर्भर करेगा। रूस, यूएनएससी के पी5 देशों में शामिल है। पी5 देशों में शामिल अमेरिका, यूके और फ्रांस महामारी का सबसे विकराल रूप देखने को मजबूर हैं। यही हाल बाकी यूरोप का है। पिछले माह एश्‍टोनिया की तरफ से कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा के लिए एक प्रस्‍ताव लाया गया था। चीन ने इस प्रस्‍ताव को यह कहते हुए ब्‍लॉक कर दिया था कि कोई भी महामारी किसी भी तरह से शांति और सुरक्षा का मुद्दा नहीं हो सकती है। एश्‍टोनिया के प्रस्‍ताव में कहा गया था कि महामारी ने दुनिया को एक बड़ी आर्थिक तंगी और गहरे संकट की तरफ धकेल दिया है।

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English summary
Donald Trump blasts at WHO and China while setting stage for UNSC meet on Coronavirus on April 9.
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