अब अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वालों को जोर का झटका देने की तैयारी में ट्रंप सरकार
अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने आव्रजन का स्तर कम करके आधा करने के लिए सीनेट में एक विधेयक पेश किया है। इससे ग्रीन कार्ड हासिल करने या अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वालों को बड़ा झटका लगेगा।
न्यूयॉर्क। हाल ही में सात मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिक में एंट्री बैन कर सबको हैरत में डालने वाले अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब एक ओर झटका देने जा रहे हैं। अमेरिका में बसने की ख्वाहिश अब पूरी होना मुश्किल हो जाएगी। अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने आव्रजन का स्तर कम करके आधा करने के लिए सीनेट में एक विधेयक पेश किया है। इससे ग्रीन कार्ड हासिल करने या अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वालों को बड़ा झटका लगेगा। यह विधेयक पारित हो जाता है तो इससे उन लाखों भारतीय-अमेरिकियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा जो रोजगार आधारित वर्गों में ग्रीन कार्ड मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पर्डू ने 'रेज एक्ट' पेश किया है, जिसमें हर वर्ष जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्डों या कानूनी स्थायी निवास की मौजूदा करीब 10 लाख की संख्या को कम करके पांच लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है। मौजूदा समय में किसी भारतीय को ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 10 से 35 साल इंतजार करना पड़ता है और अगर प्रस्तावित विधेयक कानून बन जाता है तो यह अवधि और बढ़ जाएगी।
कॉटन ने कहा कि वर्ष 2015 में 1,051,031 प्रवासी यहां आए थे। इस विधेयक के पारित होने से पहले साल में प्रवासियों की कुल संख्या कम होकर 6,37,960 रह जाएगी और 10वें साल में यह 5,39,958 हो जाएगी। पर्डू ने कहा कि इससे अमेरिकी नौकरियों एवं वेतनों की गुणवत्ता के सुधार में मदद मिलेगी।
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