एच-1बी वीजा धारकों को डोनाल्ड ट्रंप ने दी राहत, इस शर्त के पर मिली अमेरिका आने की इजाजत
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा के नियमों में बदलाव कर लोगों को कुछ हद तक राहत देने का काम किया है। जिन लोगों के पास एच-1बी वीजा है उन्हें एक शर्त पर अमेरिका आने की इजाजत दी गई है। ट्रंप प्रशासन ने शर्त रखी है कि अगर एच-1बी वीजा धारक वापस पाबंदी लगने से पहले अपनी पुरानी नौकरी पर अमेरिका में लौटता है तो उसे अमेरिका आने की इजाजत होगी, उसपर एच-1बी वीजा पर लगे प्रतिबंध का पालन नहीं करना होगा। यही नहीं इस व्यक्ति के बच्चे और पति/पत्नी को भी प्राथमिक वीजा के साथ ही अमेरिका में आने की इजाजत होगी।
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ट्रंप प्रशासन की ओर से इस बाबत नोटिफिकेशन जारी करके कहा गया है कि जो लोग एच-1बी वीजा धारक इसपर लगे प्रतिबंध से पहले अपनी पूर्व की नौकरी, पूर्व की ही कंपनी में लौटना चाहते हैं, वह वापस अपनी नौकरी पर लौट सकते हैं, उन लोगों पर एच-1बी वीजा प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके साथ ही टेक्निकल स्पेशलिस्ट, सीनियर लेवल मैनेजर और उन लोगों को भी अमेरिका आने की इजाजत दे दी है जिनकी वजह से अहम सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इन तमाम लोगों को इसलिए इजाजत दी गई है ताकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सके और इसे रफ्तार दी जा सके
गौरतलब है कि 22 जून को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वर्ष के अंत तक कोरोना के चलते एच-1बी वीजा धारकों के अमेरिका आने पर पाबंदी लगा दी थी, जिसकी वजह से एच-1बी वीजा धारकों को काफी झटका लगा था। लेकिन अब ट्रंप सरकार ने इस फैसले में बदलाव किया है। ट्रंप प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों, रिसर्चर्स जोकि कोरोना की लड़ाई में अहम हैं, उन्हें भी अमेरिका आने की इजाजत दे दी है। बता दें कि वर्तमान में भारतीय आईटी कंपनियों के साथ काम करने वाले कुल 79,649 भारतीय अमेरिका में काम करते हैं। इनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), कॉग्निजेंट, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, HCL टेक्नोलॉजीज और विप्रो शामिल हैं, जो अमेरिका में एच-1B वीजा पर हैं।
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