क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सिर्फ इम्यूनिटी के भरोसे ना रहें, कोरोना वायरस को लेकर इम्यूनोलॉजिस्ट ने चेताया

Google Oneindia News

नई दिल्ली- कोरोना वायरस से बचने के लिए सिर्फ इम्यूनिटी के भरोसे रहना जोखिम भरा साबित हो सकता है। ये चेतावनी लंदन के इंपीरियल कॉलेज के एक इम्यूनोलॉजिस्ट ने दी है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 जैसी महामारी से बचने के लिए इम्यूनिटी को एक रणनीति के तौर पर इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यहां तक दावा किया है कि हर्ड इम्यूनिटी जैसी रणनीति 'शायद कभी काम नहीं करेगी।' बता दें कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की तादाद अब 1 करोड़ 15 लाख के करीब पहुंच चुकी है और 5 लाख 35 हजार के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना में सिर्फ इम्यूनिटी के भरोसे ना रहें-इम्यूनोलॉजिस्ट

कोरोना में सिर्फ इम्यूनिटी के भरोसे ना रहें-इम्यूनोलॉजिस्ट

लंदन के इंपीरियल कॉलेज के इम्यूनोलॉजिस्ट डैनी अल्टमैन ने सोमवार को सीएनबीसी चैनल से बातचीत के दौरान कहा है कि शहरों में जहां लोगों को कोरोना वायरस का इंफेक्शन हुआ था, उनमें सिर्फ 10 से 15 फीसदी आबादी ही संभवत: इम्यून थी। उन्होंने कहा कि 'और इस चीज में इम्यूनिटी कमजोर नजर आती है- ऐसे लगता है कि कुछ लोगों में कुछ महीनों तक एंटीबॉडीज था और फिर शायद उसका नाश हो गया, इसलिए यह सुरक्षित बिल्कुल नहीं लगता। .....यह बहुत ही मुश्किल वायरस है और इम्यूनिटी बहुत ही भ्रामक और अल्पकालिक है।' उन्होंने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हर्ड इम्यूनिटी की चर्चाओं पर भी सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि,'यह अभी भी बहुत घातक वायरस है, यह अभी भी बहुत आसानी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। ' उन्होंने इस वायरस की संभावित वैक्सीन की सटीकता पर भी सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक 100 से ज्यादा ट्रायल चल रहे हैं, लेकिन मैं इस वक्त किसी पर यकीन करने के लिए तैयार नहीं हूं।

विज्ञान और दवाई के साथ चलना जरूरी- अल्टमैन

विज्ञान और दवाई के साथ चलना जरूरी- अल्टमैन

व्हाइट हाउस के टॉप हेल्थ एडवाइजर डॉक्टर एंथनी फॉसी ने भी पिछले महीने कहा था कि अगर कोविड-19 दूसरे कोरोना वायरसों की तरह बर्ताव करेगा तो एंटीबॉडीज या वैक्सीन से इससे ज्यादा दिनों तक इम्यून रहना मुश्किल है। यही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि यह भी अभी तक साफ नहीं है कि जिसे एकबार इस वायरस का संक्रमण हो चुका है क्या वह इससे इम्यून हो सकता है। डैनी अल्टमैन ने माना है कि दुनियाभर के नीति नियंताओं को लोगों की स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक तबाही के बीच तालमेल बिठाना है। लेकिन, इसके साथ ही उनका कहना है कि 'हमें विज्ञान और दवाई के हिसाब से चलने की जरूरत है और सही चीजें करनी हैं; और सही कदम उठाने का मतलब है कि ट्रांसमिशन रोकने के लिए आप जो भी कर सकते हैं करें।'

नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार

नहीं थम रही कोरोना की रफ्तार

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस के इस जानलेवा नस्ल की चपेट में अबतक दुनिया की 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा आबादी आ चुकी है और दुनियाभर में 5 लाख 35 हजार के करीब लोगों की इससे मौत हो चुकी है। अकेले भारत की बात करें तो अबतक कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 लाख 20 हजार के करीब तक पहुंच चुकी है और 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से अभी भी देश में 2,59,557 केस ऐक्टिव हैं। अलबत्ता, 4,39,948 मरीज ठीक होकर घर भी लौटे हैं।

इसे भी पढ़ें- हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने के दावे पर क्या बोले भारत के डॉक्टर?इसे भी पढ़ें- हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने के दावे पर क्या बोले भारत के डॉक्टर?

Comments
English summary
Do not rely on immunity, immunologists warn about coronavirus
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X