ईरानी ऑयल टैंकर ग्रेस1 पर आए फैसले के बाद ब्रिटेन से नाराज अमेरिका, वीजा को लेकर किया यह ऐलान
वॉशिंगटन। अमेरिका, ईरानी टैंकर ग्रेस 1 पर आए जिब्राल्टर कोर्ट के फैसले के बाद से ब्रिटेन से खासा नाराज है। अमेरिका ने अब तय किया है कि वह ग्रेस 1 के क्रू मेंबर्स को अमेरिकी वीजा नहीं देगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। ईरान पर अमेरिका ने आरोप लगाया था कि टैंकर ग्रेस 1 पर तेल था जिसे सीरिया लेकर जाया जा रहा था।
जुलाई में ब्रिटेन की सेना ने बनाया बंदी
गुरुवार को जिब्राल्टर कोर्ट ने ग्रेस 1 को रिलीज करने का फैसला दिया है विशेषज्ञ इसे ट्रंप प्रशासन के लिए एक चूका हुआ मौका करार दे रहे हैं। ट्रंप प्रशासन को उम्मीद है कि अब यूके की सरकार और अथॉरिटीज जो जिब्राल्टर में हैं अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगी। अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि कोर्ट का आदेश के बाद ईरानी आतंकवाद को समर्थन देने वाला है और तेहरान इस फैसले से संतुष्ट होगा। इसके साथ ही अमेरिका ने यह भी फैसला किया है कि बंदरगाहों, बैंकों और हर उस व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो ग्रेस1 टैंकर या फिर इसके क्रू के साथ किसी तरह को कोई भी बिजनेस करेगा। ट्रंप प्रशासन के दो अधिकारियों की ओर से जानकारी दी गई है।
गुरुवार
रात
रिहा
हुआ
ग्रेस
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विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ओरटागस की ओर से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि गुरुवार रात जहाज इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) की मदद कर रहा था। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और जो भी इस जहाज ये जुड़ा होगा उसे नतीजे भुगतने होंगे। अप्रैल में अमेरिका की तरफ से आईआरजीसी को आतंकी संगठन घोषित किया गया था। ग्रेस 1 को ब्रिटिश सेना ने जिब्राल्टर में जुलाई माह में बंदी बना लिया था। सेना कोशक था कि यह टैंकर तेल लेकर सीरिया की तरफ जा रहा था। अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से इस जहाज की रिहाई न होने देने के कई प्रयास किए गए थे।