मालदीव के दौरे पर संसद को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, सर्वसम्मति से प्रस्ताव हुआ पास
माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाली है और उससे पहले ही सरकार को एक बड़ी डिप्लोमैटिक जीत मिली है। मालदीव की संसद ने एक प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद पीएम मोदी को संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने इस बात की पुष्टि की है। मालदीव की संसद जिसे मजलिस कहते है, उसकी तरफ से यह प्रस्ताव पास किया गया है। मंगलवार को ही मालदीव की संसद ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को स्पीकर चुना है।
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पिछले वर्ष पहली बार मालदीव का दौरा
पीएम मोदी अपने पहले विदेश दौरे के लिए इस बार मालदीव जाएंगे। मोदी के मालदीव दौरे की तारीखों का अभी आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन माना जा रहा है वह सात और आठ जून को राजधानी माले में होंगे। पीएम मोदी ने पिछले वर्ष नवंबर में मालदीव का दौरा किया था और पद संभालने के बाद यह उनका पहला माले दौरा था। मोदी उस समय राष्ट्रपति इब्राहीम सोलेह के शपथ ग्रहण समारोह के लिए गए थे। साल 2014 में जब मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस समय वह सबसे पहले भूटान के दौरे पर गए थे। उस वर्ष की ही भांति इस बार भी पीएम मोदी पहले भारत के करीबी पड़ोसी से मिलना चाहते हैं।
नई सरकार के बाद और करीब
पीएम मोदी का मालदीव दौरा एक तरह से भारत की हिंद महासागर क्षेत्र पर बनाई गई नीति का संकेत भी है। मालदीव में नई सरकार आने के बाद से भारत ने यहां पर कोस्टल रडार्स का नेटवर्क बनाने का काम फिर से शुरू कर दिया है। सोलेह से पहले मालदीव में अब्दुल्ला यामीन की सरकार थी और यामीन की सरकार चीन की नीतियों का समर्थन करने वाली सरकार थी। भारत ने पिछले कुछ माह के अंदर मालदीव के साथ सहयोग को दोगुना कर दिया है। नई सरकार आने के बाद भारत न सिर्फ मालदीव के करीब हुआ है बल्कि वह चीनी को घेरने की अपनी नीति पर फिर से वापस लौटा है। मालदीव के बाद पीएम मोदी एससीओ समिट के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिशकेक, फिर जून में ही वह जी-20 समिट के लिए जापान के ओसाका, अगस्त में वह फ्रांस तो सितंबर में रूस का दौरा करेंगे।