क्या भारत के लिए पाकिस्तान को ही धोखा देने पर उतारू हो गया है चीन?
नई दिल्ली। चीन में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में ज्वाइंट स्टेटमेंट में आतंकवाद पर निशाना साधा गया। इसकी सबसे खास बात तो यह रही कि इस सम्मेलन में कई पाकिस्तानी आतंकी संगठनों पर भी निशाना साधा गया। घोषणापत्र में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, द हक्कानी नेटवर्क और तेहरीक-ए-तालिबान जैसे आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया। जैश की निंदा किए जाने वाले इस घोषणापत्र पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी मंजूरी है। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान से अपनी दोस्ती को चीन खत्म करेगा या नहीं?
ज्वाइंट स्टेटमेंट में चीन लगातार कोशिश कर रहा है कि वह आतंकवाद पर कोई बात न कहे। गुरुवार को चीन ने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान के काउंटर आतंकवाद पर चर्चा करना सही नहीं है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अभी भी चीन आतंकवाद के मुद्दे पर अपने नजदीकी दोस्त पाकिस्तान को बचाने की कोशिश करेगा। एक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि दुनिया को पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद से लड़ने के लिए किए गए प्रयासों पर भी ध्यान देना चाहिए।
देखा जाए तो भारत ने आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्दाफाश करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। यूं तो घोषणापत्र में पाकिस्तान का सीधा जिक्र नहीं है, लेकिन सभी जानते हैं कि ये आतंकी संगठन कहां के हैं। ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर यह भारत की एक बड़ी जीत मानी जा रही है। यहां आपको बता दें कि इससे पहले गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के नाम घोषणापत्र में शामिल नहीं करने दिए थे। गोवा के सम्मेलन से कुछ समय पहले ही उरी में आतंकी हमला हुआ था।