मूलर की संपादित रिपोर्ट से डेमोक्रैट नाख़ुश, तलब की पूरी रिपोर्ट
डेमोक्रेट नेता और सदन की न्यायिक समिति के चेयरमैन जैरी नेडलर ने कहा कि उनके सामने ऐसी रिपोर्ट पेश की गई जिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता.
अमरीका में साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप पर जारी की गई संपादित जांच रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
इस रिपोर्ट के संबंध में कांग्रेस के डेमोक्रैटिक सदस्यों की ओर से एक सपीना यानी समन जारी किया गया है जिसमें पूरी रिपोर्ट पेश करने की मांग की गई है.
समन में कहा गया है कि इस संपादित रिपोर्ट के ज़रिए कांग्रेस को अंधेरे में रखा गया है.
डेमोक्रेट नेता और सदन की न्यायिक समिति के चेयरमैन जैरी नेडलर ने कहा कि उनके सामने ऐसी रिपोर्ट पेश की गई जिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता.
जैरी नेडलर ने कहा, ''हमें पूरी रिपोर्ट चाहिए जिसके साथ प्रामाणिक दस्तावेज संलग्न किए गए हों. अमरीकी जनता पूरी रिपोर्ट देखने की हक़दार है जिसमें किसी तरह की काट छांट ना की गई हो. उसमें से क्या हटाया जाएगा इसका फ़ैसला कांग्रेस करेगी.''
महाभियोग की मांग
शुक्रवार को डेमोक्रैटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदार एलिज़ाबेथ वॉरेन ने ट्रंप पर महाभियोग चलाने की मांग भी कर डाली.
उन्होंने कहा कि इस मामले में सदन के सभी सदस्यों को पार्टीलाइन से ऊपर उठते हुए अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करना चाहिए.
दरअसल गुरुवार को रॉबर्ट मूलर की 22 महीने की जांच के आधार पर 448 पन्नों की एक संपादित रिपोर्ट व्हाइट हाउस की ओर से जारी की गई.
रॉबर्ट मूलर को जिम्मा दिया गया था कि वे साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रचार अभियान में रूस के हस्तक्षेप की जांच करें.
रिपोर्ट में ट्रंप को क्लीन चिट दे गई थी और बताया गया था ट्रंप की प्रचार टीम और रूस के बीच किसी तरह की सांठगांठ के पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं.
डोनल्ड ट्रंप ने इसे अपनी राजनीतिक जीत बताया था. हालांकि, इस रिपोर्ट में एक बात और निकलकर आई थी कि ट्रंप ने मूलर को उनके पद से हटाने की कोशिशें की थीं.
रूस की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर रूस ने मूलर की रिपोर्ट के बारे में कहा है कि इसमें कोई भी नई बात सामने नहीं आई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि जो बात रिपोर्ट में कही गई है, रूस शुरू से ही वही कहता आया है.
बुधवार को रिपोर्ट जारी करते हुए अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने कहा था कि इसमें न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के आरोपों के बारे में ट्रंप से जुड़े 10 मामलों की जांच की गई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि जांच में रूसी सरकार और ट्रंप के प्रचार अभियान से जुड़े व्यक्तियों के बीच के कई संबंधों को चिह्नित किया लेकिन आपराधिक किस्म के आरोपों (सांठगांठ) को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले."
बयान में कहा गया है कि 17 महीनों की जांच, 500 गवाहों के बयान, 500 तलाशी वॉरंट, 14 लाख पन्नों की जांच और राष्ट्रपति की तरफ़ से अभूतपूर्व सहयोग के बाद ये साफ़ हो गया है कि इसमें कोई भी आपराधिक ग़लती या सांठगाठ नहीं हुई है.
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