अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड लड़ेंगी राष्ट्रपति का चुनाव
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वॉशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू और इराक वॉर में हिस्सा ले चुकीं डेमोक्रेटिक पार्टी की तुलसी गबार्ड ने इस बात का ऐलान कर दिया है कि वह साल 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मैदान में उतरेंगी। हवाई से सांसद तुलसी ने इस बात की पुष्टि की दी है। उन्होंने कहा है कि अगले हफ्ते वह इस बात का औपचारिक ऐलान करेंगी। तुलसी ने अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन के साथ बातचीत में अपने चुनाव लड़ने की बात कही है। तुलसी सेपहले डेमोक्रेटिक पार्टी की एलिजाबेथ वॉरेन भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं।
इराक वॉर के लिए मिली ख्याति
शुक्रवार को सीएनएन के शो में तुलसी ने कहा, 'मैंने चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है और अगले हफ्ते मैं इस बारे में औपचारिक ऐलान करूंगी।' 37 वर्षीय तुलसी को इराक वॉर में उनके योगदान के लिए सराहा जाता है। वह पहली समोअन अमेरिकी हैं जो कांग्रेस के लिए चुनी गई थीं। गबार्ड ने कहा कि उनके चुनाव प्रचार में युद्ध और शांति के मुद्दे पर सबसे ज्यादा ध्यान रहेगा। हालांकि अभी तक तुलसी के ऑफिस की ओर से इस पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है। डेमोक्रेटिक पार्टी की सीनेटर्स कमला हैरिस, कोरी बुकर और क्रिस्टन गिलीब्रांड और साथ ही साथ पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जो बिडेन भी चुनावी मैदान में आ सकते हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के हाउसिंग सेक्रेटरी जूलियन कास्त्रो भी चुनावी मैदान में आ सकते हैं। कास्त्रो ने दिसंबर माह में एक कमेटी इस बाबत तैयार कर डाली है।
लेकिन विवादों में भी रहीं
गबार्ड साल 2016 में उस समय खबरों में आई थीं जब उन्होंने डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी से इस्तीफा दे दिया था। तुलसी पार्टी के एक फैसले से निराश थीं जिसमें हिलेरी क्लिंटन और बर्नी सैंडर्स के बीच होने वाली बहस की संख्या तय कर दी गई थी। विशेषज्ञों की मानें तो इसका फायदा क्लिंटन को हुआ और वह उम्मीदवारी जीत गईं। तुलसी, बर्नी सैंडर्स की समर्थक थीं। इसके अलावा गबार्ड ने साल 2017 में सीरिया का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने सीरियन राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात के बाद काफी आलोचना हुई थी।