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रक्षा मंत्री राजनाथ पहुंचे मॉस्‍को, RIC meet में जयशंकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से आमने-सामने करेंगे बात

रक्षा मंत्री राजनाथ पहुंचे मॉस्‍को,आरआईसी में जयशंकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से आमने-सामने करेंगे बात

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नई दिल्ली। सोमवार रात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिनों के दौरे पर मॉस्को पहुंच गए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की एक आभासी बैठक में हिस्सा लेंगे। गालवाल घाटी में हुई झड़प के बाद यह पहली बार होगा जब विदेश मंत्री अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ आमने-सामने बैठक कर रहें हैं।

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दिल्ली से मॉस्को के लिए रवाना होने से पहले राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा, 'तीन दिनों के दौरे पर मॉस्को जा रहा हूं। रूस की यात्रा से मुझे भारत-रूस रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर बातचीत करने का अवसर मिलेगा। मैं मास्को में 75वें विक्टरी डे परेड में भी शामिल होउंगा।'

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मालम हो कि गालवान घाटी की घटना में 15 जून की रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों की घटना के बाद आज मंगलवार को RIC MEET मेंं चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की पहली आमने-सामने की बैठक होगी। लद्दाख में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए जिसमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल हैं।

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बता दें इस परेड को द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ को मिली जीत की खुशी में मनाया जाता है। इस साल जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। अन्य देशों की सेनाओं के साथ परेड में भारतीय और चीनी सैनिक भी हिस्सा ले रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस 24 जून को मॉस्‍को में होने वाली सैन्‍य परेड में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे के उपस्थित होने की संभावना है।

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माना जा रहा है कि राजनाथ रूसी रक्षा के उच्च अधिकारियों से मिलेंगे और आने वाले महीनों में रक्षा उपकरणों की आपूर्ति की समीक्षा करेंगे। रूसी उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के साथ चर्चा के दौरान वे एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के वितरण के मुद्दे को भी उठाए जाने की संभावना है। वहीं आरआईसी के जरिए जयशंकर और वांग यी आमने-सामने आएंगे। इसके तनाव के दौरान संयोग से रणनीतिक संचार का एक मंच बन गया है। मंगलवार की आरआईसी बैठक, जिसकी अध्यक्षता रूस द्वारा की जा रही है, नाजी जर्मनी की जीत की 75 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए एक विशेष सत्र है। लेकिन विदेश मंत्रालय के तीन मंत्रियों ने कहा, "वैश्विक महामारी की वर्तमान स्थिति और वैश्विक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और उस संदर्भ में आरआईसी सहयोग की चुनौतियों पर चर्चा करने की उम्मीद है"।

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बता दें इससे पहले 27 फरवरी, 2019 को, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आरआईसी की बैठक के लिए चीन के वुज़ेन की यात्रा की थी। बालाकोट हवाई हमलों के कुछ घंटों के भीतर, वह वांग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिले और भारतीय कार्रवाई को समझाया। नवंबर 2018 में, आरआईसी देशों के नेताओं - राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग - ने 12 साल के अंतराल के बाद पहली बार नेताओं के स्तर पर मुलाकात की थी। बैठक ब्यूनस आयर्स में जी -20 शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई। दिसंबर 2017 में, वांग यी ने भारत की यात्रा की थी - डोकलाम संकट के हल होने के तीन महीने से अधिक समय के बाद - सीमा गतिरोध के बाद चीन से भारत की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा क्या थी। इसने वुहान में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की आधारशिला भी रखी।

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English summary
Defense Minister Rajnath arrives in Moscow, Jaishankar will talk face to face with Chinese Foreign Minister Wang Yi at RIC
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