मिडिल ईस्ट में सऊदी अरब और ईरान युद्ध छेड़ने की तैयारी में- रिपोर्ट
रियाद। यमन ने हाल ही में सऊदी अरब पर एक और मिसाइल दाग कर मिडिल ईस्ट में तनाव को खतरनाक स्थिति पर पहुंचा दिया है। यमन के हुति विद्रोहियों ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद पर मिसाइल दागने के बाद विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इस क्षेत्र में जबरदस्त अस्थिरता फैल सकती है। यमन में गृह युद्ध के लिए सऊदी अरब लगातार ईरान पर अस्थिरता फैलाना का आरोप लगाता आया है, लेकिन इस ताजा घटनाक्रम ने परिस्थितियों को विकट मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है।
मिडिल ईस्ट पर पिछले कई सालों से स्टडी कर रहे फ्रीलांसर मार्कस शेवेनिक्स ने सीएनबीसी से बातचीत करते हुए कहा कि सऊदी और ईरान के बीच लगातार बढ़ते संघर्ष ने इस क्षेत्र को 'अप्रत्याशित' युद्ध की ओर धकेल दिया है। उनके अनुसार, ऐसा पहली बार हो रहा है, जब मिडिल ईस्ट में तनाव में कोई बाहरी मध्यस्थ देखने को नहीं मिल रहा है, जो मूल रूप से एक दूसरे के साथ राजनयिक संबंधों से जुड़े रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में लंबे समय तक अमेरिका और रूस अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए दिखाई देते थे। उसके बाद अकेले अमेरिका ने मिडिल ईस्ट पर अपनी धाक जमाने की कोशिश की, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। शेवेनिक्स की मानें तो पिछले पांच साल में ईरान और साऊदी अरब के बीच इतनी तनातनी कभी देखने को नहीं मिली थी।
शेवेनिक्स ने कहा कि जब से यमन में अली अब्दुल्ला सालेह (यमन के पहले राष्ट्रपति) की मौत हुई है, तब से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सालेह को हुति विद्रोहियों ने इसी साल 4 दिसंबर को हत्या कर दी थी और वे सऊदी अरब के करीबी माने जाते थे। शेवेनिक्स ने चेतावनी ने देते हुए कहा कि अभी यमन की तरफ से सऊदी अरब में और मिसाइलें गिरने वाली है, जिसके परिणाम खतरनाक होंगे।
हुति विद्रोहियों ने 19 दिसंबर को सऊदी अरब के रॉयल पेलेस को निशाना बनाया था। उनका कहना था कि सऊदी अरब के खिलाफ यह उनके चैप्टर की शुरूआत है। सऊदी अरब लगातार ईरान पर हुति विद्रोहियों को हथियार देने को रियाद पर अटैक करने का आरोप लगाता आया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक मार्च 2015 में शुरू हुए यमन के गृहयुद्ध में अब तक करीब 9,000 लोग मारे जा चुके हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
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