Remdesivir से कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों को बड़ा झटका, WHO के ट्रायल में फेल हुई दवा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से लोगों की जान बचाने में काफी हद तक कारगर मानी जा रही अमेरीकी फार्मा कंपनी गिलियड की दवा रेमडेसिविर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने फेल करार दिया है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में कहा गया है रेमडेसिविर दवा कोविड-19 से होने वाली मौतों पर ब्रेक लगाने में कारगर नहीं है। संगठन ने यह जानकारी दवा के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे आने के बाद दी है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट अमेरिकी दवा कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है।
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस के शुरुआती महीनों ने रेमडेसिविर दवा संक्रमितों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई थी। इस वर्ष मई में कंपनी ने ऐलान किया था कि रेमडेसिविर एंटीवायरल दवा कोरोना मरीजों पर असरदार साबित हो रही है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि ये दवा कोविड-19 मरीजों को जल्दी ठीक कर सकती है, कुछ मामलों में ऐसा हुआ भी। हालांकि अब डब्ल्यूएचओ के ट्रायल में गिलियड की दवा फेल हो गई है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेमडेसिविर दवा को WHO ने 30 देशों के 1,266 वयस्क कोरोना संक्रमितों पर क्लिनिकल ट्रायल किया था। इन सभी रोगियों को रेमडेसिविर के साथ-साथ एंटी-एचआईवी ड्रग कॉम्बिनेशन लोपिनवीर या रीतोनवीर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और इंटरफेरॉन सहित चार संभावित दवाओं को डोज दिए गए थे, जिनके प्रभाव का मूल्यांकन किया गया। गुरुवार को अपने ट्रायल में डब्ल्यूएचओ ने पाया कि रेमडेसिविर दवा बीते 28 दिनों के मृत्यु दर और अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को ठीक करने में नाकाम रही है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ के ट्रायल के ये शुरुआती नतीजें हैं, अभी डिटेल रिव्यू किया जाना बाकी है। इस बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर सौम्या स्वामीनाथन ने राहत की खबर दी है। सौम्या के मुताबिक 2020 के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में कोविड-19 वैक्सीन आ जाएगी।