Covid-19 वैक्सीन: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन ग्रुप और जेनर इंस्टीट्यूट ने मिलाया हाथ
नई दिल्ली। 'वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वांछित टीका विकसित करने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन ग्रुप और जेनर इंस्टीट्यूट ने एकदूसरे से हाथ मिलाया है। यह वैक्सीन एडेनोवायरस वैक्सीन वेक्टर' तकनीक पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने द्वारा विकसित किए जाने वाले Covid 19 वैक्सीन का कोड नाम ChAdOx1 nCoV-19 है।
गौरतलब है गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS-CoV-2) के कारण होने वाली इस बीमारी का पता पहली बार चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में चला था, जहां अज्ञात कारणों से निमोनिया के शिकार रोगियों के एक समूह के सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को इसके बारे में बताया गया था।
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प्रकोप को 30 जनवरी 2020 को WHO ने कोरोना वायरस को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया और SARS-CoV-2 के कारण होने वाली बीमारी को आधिकारिक तौर पर 11 फरवरी 2020 को COVID-19 नाम दिया गया।
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हालांकि कई अन्य लोगों में वायरस के प्रकोप का आकलन करने के बाद 11 मार्च 2020 को WHO ने COVID-19 को महामारी घोषित कर दिया। यह पहली बार है कि किसी कोरोनो वायरस ने महामारी पैदा की है।
उल्लेखनीय है जानलेवा कोरोना वायरस ने अब तक पूरी दुनिया में करीब 26 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है और लगभग 1,80, 000 लोगों की मौत हो चुकी है। Covid19 से सर्वाधिक प्रभावित देशों में अमेरिका का नाम सबसे ऊपर हैं, जहां अब तक 8 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 45 हजार से अधिक की मौत हो चुकी है।
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यह वैक्सीन एक एडेनोवायरस वैक्सीन वेक्टर' तकनीक पर आधारित है
यहां कोरोनो वायरस के रूप में अनुकरण करने के लिए कोरोनो वायरस आनुवांशिक (आरएनए) जानकारी को एडेनोवायरस (सामान्य वायरस) में इंजेक्ट किया जाता है। फिर इस संशोधित एडेनोवायरस को शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है। चूंकि एडेनोवायरस वैक्सीन कोड्स या वैक्सीन रसायनों के वेक्टर (वाहक) के रूप में कार्य करता है, इसलिए इसे 'एडेनोवायरस वैक्सीन वेक्टर' कहा जाता है।
मानव शरीर Covid19 स्पाइक के समान स्पाइक्स (एंटीजन) विकसित करेगा
कोरोना वायरस के बाहरी परत पर क्लब के आकार के स्पाइक्स हैं। ये स्पाइक्स प्रोटीन से बने होते हैं और ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन इन स्पाइक्स को लक्षित करने जा रहा है। एक बार जब इस वैक्सीन को मानव शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, तो मानव शरीर कोरोना वायरस स्पाइक के समान स्पाइक्स (एंटीजन) विकसित करेगा। यह कोरोना वायरस स्पाइक्स की तरह अनुकरण करेगा
इस स्पाइक्स (एंटीजन) का मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पता लगा लेती है तो
अगर एक बार मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इस स्पाइक्स (एंटीजन) का पता लगा लेती है, तो यह उन पर हमला करने के लिए एंटी-बॉडी का उत्पादन शुरू कर देगा औ इम्यून सिस्टम इन स्पाइक्स को याद रखेगा और वायरस हमले के प्रतिउत्तर के लिए उक्त एंटी-बॉडी को हमेशा शरीर में तैयार रखेगा।
इस तरह से ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन मानव शरीप पर काम करने वाली है
बाद में जब असली कोरोना वायरस हमला होता है, तो मानव शरीर तुरंत उन्हें पहचान लेगा और उनसे लड़ने के लिए एंटी-बॉडीज़ को छोड़ देगा। यह इसी तरह से ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन काम करने वाली है।
इस वैक्सीन का परीक्षण ब्रिटेन में कई स्थानों पर किया जा रहा है
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन ग्रुप और जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए जाने वाले इस वैक्सीन का परीक्षण ब्रिटेन में कई स्थानों पर किया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड ने पहले ही इस परीक्षण के लिए ब्रिस्टल, टेम्स वैली, साउथेम्प्टन और ग्रेटर लंदन क्षेत्र से 550 स्वयंसेवकों की भर्ती कर चुकी है।
वैक्सीन के परीक्षण के लिए कोई भी स्वयंसेवी स्टडी का हिस्सा बन सकता है
अगर कोई इस स्टडी का हिस्सा बनना चाहता है और वैक्सीन के परीक्षण के लिए कोई इच्छुक है, तो वह अपने लोकल स्टडी एरिया में वैक्सीन परीक्षण में कैसे हिस्सा लेने की पूरी जानकारी आगे दर्शाए गए लिंक https://www.covid19vaccinetrial.co.uk/volunteer पर एक क्लिक करके आसानी से जुटा सकता है।