चीन: कोरोना वायरस की नई वैक्सीन के ट्रायल को इजाजत, नाक में स्प्रे करके दी जाएगी डोज
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब तक 2.7 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा 9 लाख से ज्यादा लोगों की जान भी इस वायरस की वजह से गई है। जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक स्थिति चिंताजनक बनी रहेगी। इस बीच चीन ने एक और राहत भरी खबर दी है, क्योंकि वहां पर एक दूसरी वैक्सीन को ट्रायल की इजाजत मिल गई है, जो नाक के जरिए इंसान को दी जाएगी।
वॉलंटियर्स की भर्ती शुरू
चीनी मीडिया के मुताबिक सरकार ने नोजल स्प्रे वाली वैक्सीन के ट्रायल की इजाजत दे दी है, जो इस साल नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए 100 वॉलंटियर्स की भर्ती की जा रही है। ये वैक्सीन दुनिया की पहली नोजल वैक्सीन होगी, जिसे नाक में स्प्रे करके इंसान के शरीर में पहुंचाया जाएगा। बाकी अन्य वैक्सीन के शॉट सिरिंज के माध्यम से दिए जाते हैं। इस वैक्सीन प्रोजेक्ट में हांगकांग यूनिवर्सिटी, ज़ियामी यूनिवर्सिटी और बीजिंग सेवेई बायोलॉजिकल फार्मेसी के शोधकर्ता शामिल हैं।
दो बीमारियों से करेगी रक्षा
शोधकर्ताओं के मुताबिक ये टीका श्वसन मार्ग पर प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है, ताकी वो वायरस का सामना कर सकें। इसके अलावा ये नोजल स्प्रे इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस दोनों से इंसान की रक्षा करेगा। उनके मुताबिक ट्रायल के तीन फेस को पूरा होने में कम से कम एक साल लगेंगे। तब जाकर वो इस नतीजे पर पहुंचेंगे कि वैक्सीन कितनी कारगर है।
क्या है दिक्कत?
चीन के एक वैज्ञानिक के मुताबिक इंजेक्शन की तुलना में नोजल स्प्रे से टीकाकरण करना आसान है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण करने में भी आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इंसान की आंतरिक प्रणाली में इसके साइड इफेक्ट नहीं होने की उम्मीद है, हालांकि अस्थमा और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या ट्रायल के दौरान सामने आ सकती है। वैज्ञानिक इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि नोजल स्प्रे से उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रणाली ज्यादा दिनों तक सक्रिय रहेगी या नहीं।
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