गर्भवती गर्लफ्रेंड को घसीटा और मारा तमाचा, ब्वॉयफ्रेंड को 10 सप्ताह की जेल
नई दिल्ली। हिंसा करना अपराध है और अगर गर्भवती महिला पर किया जाए तो इससे अजीम गुनाह नहीं हो सकता। सिंगापुर में इसी आरोप को लेकर भारतीय मूल के 24 वर्षीय एक युवक को दस सप्ताह जेल की सजा सुनाई गई है। सिंगापुर जिला अदालत के न्यायाधीश मैथ्यू जोसेफ ने बुधवार को मोहमद मुस्तफा अली को दो मामलों में दोषी पाये जाने के बाद सजा सुनाई। इनमें पिछले साल हुआ एक रोड रेज मामला और 2017 में अपनी गर्भवती प्रेमिका को चोट पहुंचाने का मामला है। न्यायाधीश ने हिंसा और अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाने के लिए भी मुस्तफा को फटकार लगाई।
प्रेग्नेंट गर्लफ्रेंड को घसीटा, जांघ पर किया हमला
रिपोर्ट के मुताबिक 24 साल के मोहम्मद मुस्तफा अली ने 21 वर्षीय शकीह नाडियाह मोहम्मद हरमन के गाल पर तीन तमाचे मारे और उसकी जांघ पर दो बार लात मारा। उस समय महिला चार महीने की गर्भवती थी और मुस्तफा को यह पता था। घटना साल 2017 का है।
कोर्ट ने कहा- जो किया वो नीच हरकत
जिला न्यायाधीश मैथ्यू जोसेफ ने मुस्तफा से कहा कि जो हरकत उसने की है वो नीच है। कोर्ट ने कहा कि गुस्से में ही सही लेकिन गर्भवती महिला के साथ मारपीट करना माफी के लायक नहीं। जानकारी के मुताबिक मोहम्मद मुस्तफा अली और शकीह नाडियाह मोहम्मद हरमन, मुस्तफा के चचेरे भाई के फ्लैट पर रहते थे। दोनों के बीच रात करीब 1 बजे झगडा हुआ जब मुस्तफा को इस बात का शक हुआ कि शकीह अपने पूर्व ब्वॉयफ्रेंड से बात करती है।
पैर पकड़कर गलियारे में घसीटे
उप सरकारी अभियोजक एनजी चोंग ने कहा: "आरोपी ने पीड़िता को छोड़ने पूर्व ब्वॅायफ्रेंड से बात करने को मना किया लेकिन वो नहीं मानी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हुआ। देखते ही देखते मुस्तफा उग्र हो गया। उसने पीड़िता को कमरे से बाहर और गलियारे में पैर पकड़कर घसीटा। शकीह ने घटना के बाद चिकित्सीय परीक्षण से इनकार कर दिया लेकिन अदालत के आदेश के बाद उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।