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कोरोना वैक्सीन: दुनिया के टॉप नेताओं की अनोखी और मज़बूत पहल

विश्व स्वास्थ्य संगठन कई बार कह चुका है कि बिना प्रभावी वैक्सीन या दवा के कोरोना वायरस पर क़ाबू पाना मुश्किल है. संयुक्त राष्ट्र का भी कहना है कि सामान्य जीवन में लौटने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प है. पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रही है. मरने वालों की संख्या बढ़कर क़रीब ढाई लाख हो गई है और संक्रमित लोगों की संख्या 35 लाख के पार है. 

By BBC News हिन्दी
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कोरोना
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विश्व स्वास्थ्य संगठन कई बार कह चुका है कि बिना प्रभावी वैक्सीन या दवा के कोरोना वायरस पर क़ाबू पाना मुश्किल है. संयुक्त राष्ट्र का भी कहना है कि सामान्य जीवन में लौटने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प है.

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रही है. मरने वालों की संख्या बढ़कर क़रीब ढाई लाख हो गई है और संक्रमित लोगों की संख्या 35 लाख के पार है. ऐसी स्थिति में दुनिया भर में वैक्सीन को लेकर काम तेज़ हो गया है.


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अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी, तो यूरोपीय देशों के कई शीर्ष नेताओं ने वैक्सीन बनाने की दिशा में काम तेज़ करने की पहल की है.

इन नेताओं ने कहा है कि दुनिया को वैक्सीन बनाने में साथ आने की ज़रूरत है, साथ ही इसकी फंडिंग के लिए भी एकजुट होने की आवश्यकता है.

ओपन लेटर में वादा

मैक्रों और एंगेला मर्केल
Getty Images
मैक्रों और एंगेला मर्केल

यूरोप के कुछ शीर्ष नेताओं ने एक संयुक्त ओपन लेटर में ये वादा किया है कि वो वैक्सीन के लिए 8.3 अरब डॉलर का फंड जुटाएँगे.

ब्रसेल्स की अगुआई में ये पहल यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उरसुला वॉन डर लेन ने की है.

इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में इटली के प्रधानमंत्री जुसेपे कोंटी, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी हैं.

इस ओपन लेटर में इन नेताओं ने कहा है- कोरोना वैक्सीन के लिए जुटाए गए फ़ंड से एक असाधारण अंतरराष्ट्रीय सहयोग की शुरुआत होगी, जिसमें वैज्ञानिक और रेगुलेटर्स, इंडस्ट्री और सरकारें, अंतरराष्ट्रीय संगठन, फाउंडेशन और हेल्थकेयर प्रोफ़ेशनल्स शामिल होंगे.

इस पत्र में ये भी कहा गया है- अगर हम पूरी दुनिया के लिए दुनिया की ओर से वैक्सीन बना सकें, तो ये 21वीं सदी में दुनिया के लोगों के भले के लिए अनोखी बात होगी.

अमरीका से अलग इन नेताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की कोशिशों की सराहना की है. अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौक़े पर डब्लूएचओ की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि संगठन ने सही समय पर लोगों को सचेत नहीं किया.

सोमवार यानी चार मई को एक ऑनलाइन कॉन्फ़्रेंस भी होने वाली है, जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नॉर्वे, सऊदी अरब और यूरोपीय आयोग हिस्सा लेंगे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी मिल जुलकर वैक्सीन के लिए काम करने की अपील की है. ग़ौरतलब है कि ब्रिटेन में ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी ने कुछ दिनों पहले ही वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है, जिसके नतीजे अगले कुछ महीनों में आएँगे.

ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनका ये ट्रायल सफल होगा.

वैक्सीन पर क्या कहा ट्रंप ने

डोनाल्ड ट्रंप
AFP
डोनाल्ड ट्रंप

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें यक़ीन है कि इस साल के आख़िर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन बन जाएगी.

ट्रंप ने टेलीविज़न चैनल फॉक्स न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही. इंटरव्यू में उन्होंने दर्शकों के पूछे गए कई सवालों के जवाब भी दिए.

कोविड-19 वैक्सीन के बारे में पूछे गए सवाल पर ट्रंप ने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि इस साल के आख़िर तक हमें इसकी वैक्सीन मिल जाएगी."

इसी साल सितंबर में स्कूलों के खुलने से जुड़े एक सवाल के उत्तर में ट्रंप ने कहा कि उन्हें कुछ उम्रदराज़ टीचरों की चिंता है जिन्हें संक्रमण का अधिक ख़तरा हो सकता है, लेकिन उन्होंने कहा कि "स्कूलों को खोलना तो पड़ेगा ही."

कोरोना को लेकर उन्होंने डेमोक्रेटिक नेताओं की आलोचना की और कहा कि इस वायरस के कारण हालात बुरे हुए तो ये उनके राजनीतिक हित में होगा.

उन्होंने इंटरव्यू के दौरान हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के बारे में भी बात की और कहा कि जो कंपनी ये दवा बनाती है उसमें उनकी कंपनी का शेयर नहीं है "इस कारण इसके इस्तेमाल में कोई हानि नहीं है... इससे कम से कम लोगों की मौत तो नहीं हो रही."

ट्रंप से एक सवाल ये भी पूछा गया कि उन्होंने पहले ही वायरस को लेकर कड़े कदम क्यों नहीं उठाए?

इसके उत्तर में ट्रंप ने कहा कि ख़ुफ़िया सूत्रों ने "जनवरी 23 को मुझे बताया था कि वायरस आ सकता है लेकिन उस वक़्त ये उतना महत्वपूर्ण नहीं था." साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा कि चीन से आने जाने वाली उड़ानों को उन्होंने पहले ही रोक दिया था.

BBC Hindi
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English summary
Coronavirus vaccine: unique and strong initiative of the world's top leaders
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