बेहतर नतीजे दे रही है ऑक्सफोर्ड की कोरोना वायरस पर बन रही वैक्सीन
लंदन। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इस समय फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेंका के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन के डेवलपमेंट में लगी हैं। एस्ट्राजेंका का कहना है कि वैक्सीन का डेवलपमेंट सही तरह से प्रगति पर है। इस वैक्सीन के आए नतीजों के बाद ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन को इंसानों के लिए सुरक्षित करार दिया जा रहा है। इस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के शुरुआती नतीजों में नजर आया था कि यह इंसानों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।
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भारत में भी होगा निर्माण
एस्ट्राजेंका ने कहा है कि अभी तक के जो आंकड़ें मिले हैं, वो काफी बेहतर हैं। इस वैक्सीन का बड़े स्तर पर हृयूमन ट्रायल जारी है। अभी तक कोरोना वायरस की कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं है जिसे मंजूरी मिली हो। लेकिन एस्ट्राजेंका के शुरुआती नतीजों ने दुनिया को एक नई उम्मीद दी है। कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव पास्कल सोरीयोट ने गुरुवार को बताया, 'वैक्सीन का डेवलपमेंट काफी बेहतर है। हमारे पास अभी तक के अच्छे आंकड़ें हैं। हमें क्लीनिकल प्रोग्राम में क्षमता दिखानी हैं। लेकिन अभी तक यह बेहतर रहे हैं। एस्ट्राजेंका ब्रिटेन की प्रतिष्ठित कंपनी है। कंपनी का पहले ही कई देशों की कंपनी के साथ करार हो चुका है। कंपनी की तरफ से दो बिलियन से ज्यादा डोज तैयार की जाएंगी। इस वर्ष के अंत तक इसे मंजूरी मिलने की संभावना है। कंपनी का अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन, नॉर्वे और कुछ देशों के साथ समझौते हुए हैं। इसके अलावा जेनेवा में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत वैक्सीन अलायंस के साथ समझौता हुआ है। भारत में महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से इस वैक्सीन को तैयार किया जाएगा। भारत में एस्ट्राजेंका की वैक्सीन को 'कोविशील्ड' नाम के साथ बेचा जाएगा।