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इस साल सितंबर में आ जाएगी जानलेवा वायरस से बचाने वाली वैक्‍सीन, निराशा के बीच Good News!

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लंदन। दुनिया की प्रतिष्ठित ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक सारा गिलबर्ट ने दुनिया को कोरोना वायरस महामारी के बीच एक अच्‍छी खबर दी है। सारा ने निराशा के इस माहौल के बीच ही कहा है कि इस वर्ष सितंबर तक महामारी से बचाव की वैक्‍सीन आ जाएगी। यूनिवर्सिटी के वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर सारा गिलबर्ट ने 500 वॉलेंटियर्स को भर्ती किया है जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच है। इनकी मदद से उन्‍होंने वैक्‍सीन का शुरुआती और मध्‍य चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है।

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Coronavirus: Britain की Oxford University का दावा, सितंबर तक आ जाएगी Vaccine | वनइंडिया हिंदी
5000 लोगों पर आखिरी ट्रायल

5000 लोगों पर आखिरी ट्रायल

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सारा जिस वैक्‍सीन का ट्रायल कर रही हैं उसका फाइनल ट्रायल 5000 लोगों पर किया जाएगा। गिलबर्ट की मानें तो समय ज्‍यादा लग सकता है मगर इसे हासिल किया जा सकता है। गिलबर्ट ने साल 1994 से यूनिवर्सिटी में कई प्रकार की वैक्‍सीन पर रिसर्च शुरू किया था। उन्‍हें यूके के नेशनल इंस्‍टीट्यूट फॉर हेल्‍थ रिसर्च के अलावा यूके रिसर्च एंड इनोवेशन की तरफ से मार्च माह में 2.8 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया गया था। इसका मकसद कोविड-19 की वैक्‍सीन रिसर्च की कोशिशों को आगे बढ़ाना था।

पहली खुराक से मिले अच्‍छे नतीजे

पहली खुराक से मिले अच्‍छे नतीजे

शुक्रवार को जब सारा मीडिया से बात कर रही थी तो उन्‍होंने कहा कि वैक्सीन सितंबर तक आ जाएगी। सारा ने बताया था कि उनकी टीम महामारी का रूप लेने वाली एक बीमारी पर काम कर रही थी। इसे एक्स नाम दिया गया था और इसके लिए उन्‍हें योजना बनाकर काम करने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि ChAdOx1 टेक्निक के साथ इसके 12 ट्रायल किए जा चुके हैं। उनके शब्‍दों में, 'हमें एक डोज से ही इम्यून को लेकर बेहतर परिणाम मिले हैं, जबकि आरएनए और डीएनए तकनीक से दो या दो से अधिक डोज की जरूरत होती है।'

ट्रायल से पहले मैन्‍युफैक्‍चरिंग शुरू

ट्रायल से पहले मैन्‍युफैक्‍चरिंग शुरू

प्रोफेसर गिलबर्ट ने इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाने की जानकारी दी और सफलता का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी एक मिलियन डोज इसी साल सितंबर तक उपलब्ध हो जाएगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम इस वैक्सीन को लेकर आत्मविश्वास से इतनी भरी है कि क्लीनिकल ट्रायल से पहले ही मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी के एक और प्रोफेसर एड्रियन हिल ने कहा कि टीम विश्वास से भरी है।वे सितंबर तक का इंतजार नहीं करना चाहते, जब क्लीनिकल ट्रायल पूरा होगा। उन्होंने कहा कि हमने एक रिस्‍क के साथ बड़े पैमाने पर वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की है।

भारत में भी एक वैक्‍सीन का ट्रायल

भारत में भी एक वैक्‍सीन का ट्रायल

इस समय दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में कुल सात मैन्युफैक्चरर्स वैक्‍सीन की मैन्युफैक्चरिंग में लगे हुए हैं। प्रोफेसर हिल ने कहा कि सात मैन्युफैक्चरर्स में से तीन ब्रिटेन, दो यूरोप, एक चीन और एक भारत से हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष सितंबर या साल के अंत तक इस वैक्सीन की एक मिलियन डोज मुहैया हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि तीन चरणों के ट्रायल की शुरुआत 510 वॉलंटियर्स के साथ हो गई है।

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English summary
Coronavirus vaccine may be ready for mass production by September says Oxford scientist.
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