Coronavirus vaccine:Pfizer वैक्सीन लगवाने पर हुई पति की मौत,अमेरिकी डॉक्टर की पत्नी का दावा
Coronavirus vaccine update:कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर अमेरिका से एक बहुत ही दुखद खबर आई है। मियामी (Miami) के एक जाने-माने प्रसूति रोग विशेषज्ञ की पत्नी ने दावा किया है कि उनके पति की मौत फाइजर वैक्सीन (Pfizer Covid-19 vaccine) लगवाने की वजह से ही हुई है, क्योंकि उन्हें पहले किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। हालांकि, फाइजर कंपनी ने कहा है कि उसे इस दावे में यकीन नहीं है, लेकिन वह मामले की छानबीन कर रहा है। वैसे अगर इस घटना में दम है तो यह जानकारी में आया दुनिया का पहला मामला होगा,जिसमें किसी की मौत सीधे कोरोना वैक्सीन से जुड़ी है।

अमेरिका में Pfizer वैक्सीन से मौत का दावा
ऑनलाइन अखबार डेलीमेल डॉट कॉम ने फ्लोरिडा(Florida) की एक महिला हेइदी नेकेल्मैन (Heidi Neckelmann) के हवाले से जानकारी दी है कि मियामी (Miami) के 56 साल के प्रसूति विशेषज्ञ (obstetrician)ग्रेगोरी मिशैल (Gregory Michael) की मौत फाइजर कोविड-19 वैक्सीन (Pfizer Covid-19 vaccine) की भयानक प्रतिक्रिया की वजह से होने का संदेह है। हेइदी नेकेल्मैन ने कहा है कि पिछले 18 दिसंबर को वैक्सीन लगवाने के पहले तक उनके पति पूरी तरह से स्वस्थ थे। उनकी मौत इसी हफ्ते खून में प्लेटलेट्स की बहुत ज्यादा कमी होने के चलते हुए स्ट्रोक की वजह से हो गई है।

100 फीसदी वैक्सीन की वजह से हुई मौत- पीड़ित
एक बच्ची की मां 58 वर्षीय हेइदी का कहना है कि, 'मेरे हिसाब से उनकी मौत 100 फीसदी वैक्सीन की वजह से हुई है। इसकी और कोई वजह नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा है कि 'मेरे पति की डॉक्टर से बातचीत हुई थी और उन्होंने कहा था कि इसकी बहुत ज्यादा संभावना है कि इसकी वजह (बहुत ज्यादा प्लेटलेट्स घटने की) वैक्सीन हो।' ग्रेगोरी मिशैल फ्लोरिडा के एक जाने-माने प्रसूति विशेषज्ञ (obstetrician) थे। उनकी 28 साल से पार्टनर रहीं उनकी पत्नी का कहना है कि वह पूरी तरह से ऐक्टिव, स्वस्थ थे और वैक्सीन लेने से पहले तक उनमें ऐसी कोई परेशानी नहीं थी। वैक्सीन लगने के 16 दिन बाद खून में प्लेटलेट्स की कमी के चलते उनकी मौत हो गई।

प्लेटलेट्स की भारी कमी हो गई थी
जानकारी के मुताबिक ग्रेगोरी मिशैल वैक्सीन को इंजेक्शन लगने के बाद तत्काल तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन तीन दिन बाद जब वे नहाने लगे तो उन्होंने हाथों और पैरों में स्किन के नीचे लाली देखी, जैसे भीतर ब्लीडिंग हो रही हो। फिर वह मियामी बीच के अपने ही अस्पताल सिनाई मेडिकल सेंटर (Mount Sinai Medical Center) में गए जहां उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज लगवाकर उसकी शुरुआत की थी। वहां डॉक्टरों ने पाया कि उनमें प्लेटलेट्स की भारी कमी हो गई है। उनकी पत्नी के मुताबिक, 'खून की सभी रिपोर्ट सही थी, सिर्फ प्लेटलेट्स जीरो हो गया था।......पहली बार तो उन्हें लगा कि कुछ गलती हुई है। इसलिए उन्होंने दोबारा उसका मैनुअल काउंट किया, जिसे कि ज्यादा सटीक माना जाता है। इस बार सिर्फ एक प्लेटलेट दिखाई पड़ा।' उन्होंने बताया, 'वह पूरी तरह ठीक महसूस कर रहे थे, वह सामान्य थे, उत्साहित और खुश थे। लेकिन, उन्होंने कहा कि आप घर नहीं जा सकते, यह बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है, आपके ब्रेन में ब्लीडिंग हो सकती है और मौत हो सकती है।'

दो हफ्ते प्लेटलेट्स चढ़ाने पर भी फर्क नहीं पड़ा
बता दें कि डॉक्टरों के मुताबिक एक स्वस्थ इंसान के खून में आमतौर पर प्लेटलेट्स काउंट 150,000 से 450,000 के बीच होना चाहिए। इनका पहला काम ब्लड क्लॉट करना और ब्लीडिंग रोकना है । कई तरह की बीमारियों में प्लेटलेट्स काउंट गिरना सामान्य सी बात है, लेकिन यह उपचार या सेहत सुधरने के साथ उतनी ही तेजी से बढ़ने भी लगता है। लेकिन, इस मामले में मृतक के बारे में ऐसी किसी बीमारी की सूचना नहीं है। ग्रेगोरी मिशैल को बचाने के लिए डॉक्टरों ने उन्हें दो हफ्ते तक प्लेटलेट्स भी चढ़ाया और कई तरह से इलाज की कोशिश की। लेकिन, कोई फर्क नहीं पड़ा। आखिरकार स्ट्रोक से उनकी जान चली गई, जिसकी आशंका डॉक्टर पहले ही जता चुके थे।

फाइजर ने कहा वैक्सीन से सीधा कनेक्शन नहीं लगता
हेइदी नेकेल्मैन को आशंका है कि वैक्सीन ने प्लेटलेट्स को ही खत्म कर दिया। उनको दुख इस बात का है कि उनके पति ने तो लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीन लगवाई थी, लेकिन खुद उनकी ही जान चली गई। उन्होंने कहा है कि अब जबतक वो वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं पा लेतीं, अपनी 15 साल की बेटी और परिवार के किसी भी सदस्य को वैक्सीन नही लगवाने देंगी। उधर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर (Pfizer) ने कहा है कि उसे डॉक्टर मिशैल की 'बहुत ही असामान्य' मौत की जानकारी है और इसकी आगे की तहकीकात कर रही है। हालांकि, उसके एक प्रवक्ता ने यह भी दावा किया है कि 'इस समय हम यह नहीं मानते कि इसका वैक्सीन से सीधा कोई कनेक्शन है।' (कुछ तस्वीरें सौजन्य: Heidi Neckelmann)
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